Kalindi Express Train: कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश हुई. मामले में हिस्ट्रीशीटर शाहरुख को भी पुलिस ने पकड़ लिया. इसके बाद कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है. वहीं, सूत्रों से ऐसे-ऐसे खुलासे हो रहे हैं, जो रेल जिहाद की साजिश की ओर साफ-साफ इशारा कर रहे हैं. इस बीच राजस्थान के अजमेर से भी रेल जिहाद का एक और केस सामने आया. यहां रेलवे ट्रैक पर करीब 70 किलो वजनी सीमेंट से बने दो पत्थरों को रखकर मालगाड़ी को डिरेल करने की कोशिश की गई. गनीमत रही कि मालगाड़ी सीमेंट ब्लॉक को तोड़ती हुई आगे निकल गई और कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ. ये घटना वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर हुई. यानी रेल जिहाद के निशाने पर जान और माल दोनों हैं.


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ये दोनों घटनाएं साबित करती है कि अब रेल जिहाद कोई काल्पनिक शब्द नहीं रह गया है, क्योंकि एक के बाद एक जिस तरह से ट्रेनों के साथ साजिशें रची जा रही हैं. उसके बाद तो जांच एजेंसियां भी रेल जिहाद से इंकार कर पाने की स्थिति में नहीं हैं.


रेल जिहाद वाली साजिश का शक
ज़ी न्यूज़ को सूत्रों से एक लिस्ट मिली है. जिसमें उन घटनाओं का जिक्र है. जिनको रेल जिहाद से जोड़कर देखा जा रहा है. इस लिस्ट में पिछले 15 महीनों में ट्रेनों के साथ हुई साजिशें दर्ज हैं. पांच जून 2023 से अब तक ऐसी 24 घटनाएं हुई हैं. जिनमें ट्रेनों को पलटाने की कोशिशें हुईं हैं. कहीं पटरियों पर बड़े-बड़े पत्थर रख दिए गए तो कहीं रेलवे सिग्नल्स के साथ छेड़खानी हुई. इतना ही नहीं कहीं तो ट्रेन की पटरियों को ही उखाड़ दिया गया. इस लिस्ट में वो घटनाएं दर्ज है. जिसमें रेल जिहाद वाली साजिश का शक है, लेकिन कानपुर मे कालिंदी एक्सप्रेस के साथ जो हुआ उसमें शक नहीं बल्कि रेल जिहाद के पुख्ता सबूत सामने आ रहे हैं, इसलिए आज हमने कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस के साथ हुए रेल जिहाद की एक इंवेस्टिगेटिव ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की है. जिसमें हुए खुलासे आपके होश उड़ा देंगे.


कैसे रची गई आतंकी साजिश?
गैस सिलेंडर...पेट्रोल बम...बारुद...माचिस...ये सब रेल जिहाद की उस टूलकिट का सामान है, जिसके जरिये कालिंदी एक्सप्रेस को बर्निंग ट्रेन बनाने की साजिश रची गई थी. जिसको लेकर हो रहे खुलासे हैरान कर देने वाले हैं. सूत्रों की मानें तो रेल जिहाद की शिकार बनी कालिंदी एक्सप्रेस को उड़ाने की आतंकी साजिश रची गई थी और अब इसका पाकिस्तानी कनेक्शन भी सामने आ रहा है. खुफिया सूत्रों का तो ये भी कहना है कि कालिंदी एक्सप्रेस पर ISI और IS के इशारे पर लोन वुल्फ अटैक हुआ. जांच एजेंसियों को शक है कि साजिश रचने वाला सेल्फ रेडिक्लाइज शख्स है. ट्रेन को डिरेल करने के पीछे IS का खोरासान मॉडल है. 


टेटर के लिए क्यों चुना गया कानपुर?
सूत्रों की मानें तो कालिंदी एक्सप्रेस को उड़ाने की साजिश रचने वाले ने ऑनलाइन ट्रेनिंग ली थी. सूत्रों की मानें तो साजिश रचने वाले ने सोशल मीडिया के जरिये ही ट्रेन को सिलेंडर से उड़ाने और पेट्रोल बम बनाना सीखा था और फिर बहुत सोच-समझकर कालिंदी एक्सप्रेस को कानपुर में निशाना बनाने की साजिश रची गई. जिस रेलवे ट्रैक को चुना गया उसके पीछे सबसे बड़ा कारण था कि ट्रैक के एक तरफ जंगल है और दूसरी तरफ सर्विस लाइन. ऐसे में ट्रैक पर कौन गया कौन नहीं कोई नहीं बड़ी-बड़ी झाड़ियों के होने की वजह से देख सकता. 


कालिंदी एक्सप्रेस से 'रेल जिहाद'
रेल जिहाद की साजिश पाकिस्तान में बैठकर रची गई, लेकिन सवाल ये है कि इस साजिश को अंजाम किसने दिया? पुलिस ने अब तक करीब दस संदिग्धों को हिरासत में लिया है, लेकिन शक की सुईं दो किरदारों के इर्द-गिर्द घूम रही है. ट्रैक पर टेरर का पहला किरदार  फरहतुल्लाह घोरी है. ये भारत का मोस्ट वॉन्टेड है और पाकिस्तान में छिपा है. घोरी टेरर की ऑनलाइन क्लासेज़ चलाता है. फरहतुल्लाह रेल जिहाद के लिए भड़काने वाला वीडियो जारी कर चुका है और दूसरा किरदार है शाहरुख, जो अब पुलिस की गिरफ्त में है. शाहरुख कालिंदी एक्सप्रेस हादसे का मुख्य साजिशकर्ता है. ये इलाके का हिस्ट्रीशीटर बदमाश है.


हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ कई मुकदमें है दर्ज 
हिस्ट्रीशीटर शाहरुख को पुलिस ने तब गिरफ्तार किया जब वह घटनास्थल से कुछ दूरी पर सेल्फी लेने पहुंचा था. पश्चिम बंगाल से लौटे हिस्ट्रीशीटर को शिवराजपुर थानाक्षेत्र के मुड़ेरी गांव से एटीएस गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए लखनऊ ले गई है. उसके खिलाफ शहर और आसपास के जिलों में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. वह बहुत दिनों तक पश्चिम बंगाल में छिपा रहा. दो महीने पहले ही शहर वापस लौटा था. अब खुफिया एजेंसी पता कर रही है कि संदिग्ध किसी आतंकी संगठन से जुड़ा तो नहीं है. हिस्ट्रीशीटर शाहरुख पश्चिम बंगाल के अलावा आगरा में भी रह चुका है. उधर, टीम कन्नौज, छिबरामऊ, मकनपुर, बिल्हौर के कई लोगों पर स्थानीय पुलिस की मदद से बनाए हुए है.


कौन है हिस्ट्रीशीटर शाहरुख?
रेल जिहाद की इंवेस्टिगेशन करते हुए जब ज़ी न्यूज़ की टीम मुख्य संदिग्ध शाहरुख के घर पहुंची तो पता चला की शाहरुख घर में दो बहनों के बाद का भाई था. दो साल पहले जेल गया था. उसके बाद घर नहीं आया. 22 साल का शाहरुख मुंडेरी गांव का रहने वाला है.
 है. हिस्ट्रीशीटर ने कानपुर के रावतपुर गांव में भाग कर शादी भी की थी. यानी पाकिस्तान में बैठकर साजिश रची गई और कानपुर में साजिश को सेल्फ रेडिक्लाइज नौजवानों ने अंजाम दिया.


कितना भयानक होता अंजाम?
कालिंदी एक्सप्रेस को सिर्फ डिरेल करने की साजिश नहीं थी बल्कि पूरी ट्रेन को आग लगा देने की प्लानिंग की गई थी. ज़ी न्यूज़ को मिली खुफिया जानकारी में खुलासा हुआ है कि इस साजिश को दो पार्ट में अंजाम दिया जाना था. पहले गैस सिलेंडर की टक्कर से ट्रेन में आग लगती और ट्रेन डिरेल होकर रुक जाती. फिर डिरेल होकर आग लगी ट्रेन पर पेट्रोल बम से हमला करके ट्रेन में बैठे लोगों को मार दिया जाता. ट्रेन की पटरियों पर मिला आतंकी सामान इस बात का सबूत है कि अगर रेल जिहाद का मंसूबा सफल हो जाता तो अंजाम कितना भयानक होता. 


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