देश के सबसे पुराने रेलवे स्टेशनों में एक यूपी में, 165 साल पहले दौड़ी थी पहली ट्रेन
ट्रेन से आपने भी खूब सफर किया होगा. भारतीय रेलवे को आम आदमी की लाइफलाइन कहा जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि उत्तर भारत में पहला स्टेशन कौन सा है. यही नहीं इसका प्रयागराज यानी कुंभनगरी से भी खास नाता है. आइए जानते हैं इसके बारे में.
ट्रेन से सफर
सफर करने के लिए लाखों की संख्या में लोग रोजाना ट्रेन से सफर करते हैं. ट्रेन में बैठकर यात्रा करने के दौरान रास्ते में पड़ने वाले स्टेशनों पर आपकी भी निगाहें चली जाती होंगी.
कब चली पहली ट्रेन
जीके के चर्चित सवालों में से एक है कि पहली ट्रेन कब चलाई गई थी. 16 अप्रैल,1853 को पहली ट्रेन मुंबई से ठाणे के बीच चली थी. इसके बाद इसका भारतभर में विस्तार होता गया.
उत्तर भारत पहला रेलवे स्टेशन
लेकिन क्या आपको मालूम है कि उत्तर भारत का रेलवे स्टेशन कौन सा है. अगर नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं आइए आपको बताते हैं.
कानपुर सेंट्रल स्टेशन
उत्तर भारत का पहला रेलवे स्टेशन कोई और नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश का कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन है. देश में भी यह चौथा सबसे पुराना रेलवे स्टेशन है.
165 साल पहले निर्माण
अंग्रेजों ने पुराने कानपुर रेलवे स्टेशन का निर्माण 165 साल पहले कराया था. साल 1859 में पुराने रेलवे स्टेशन का निर्माण कार्य शुरू हुआ था.
कहां चली पहली ट्रेन
कानपुर के पुराने रेलवे स्टेशन से पहली ट्रेन इलाहाबाद जिसे आज प्रयागराज कहा जाता है. वहां के चलकर कानपुर रेलवे स्टेशन पहुंची थी. यह तारीख 3 मार्च 1859 थी.
मालगाड़ी
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यह ट्रेन मालगाड़ी थी. जिसकी रफ्तार महज 10 किलोमीटर प्रतिघंटा थी. इस ट्रेन को देखने के लिए यहां बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी थी.
बाद में चलीं कई ट्रेनें
कानपुर में रेलवे स्टेशन बनने के बाद 1860 में यहां से मुंबई के लिए ट्रेन चलाई गई. जबकि 1875 में लखनऊ और 1886 में झांसी के लिए पहली ट्रेन चली थीं.
1932 में हुआ बंद
साल 1932 में कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन के बंद हो जाने के बाद पुराने कानपुर रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया गया था. आज कानपुर सेंट्रल स्टेशन की गिनती देश के सबसे व्यस्त स्टेशनों में होती है.