Metro Network In Kanpur: उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क कौन सा है और क्यों इसकी उपलब्धियों के मुकाबले में लखनऊ आगरा दूर दूर तक नहीं है. आइए जानें.
कानपुर की सड़कों से 1.5 लाख गाड़ियों का ट्रैफिक लोड कम हो जाएगा वो भी महज एक साल के समयावधि में, जहां तक इस साल की बात है तो मार्च 2025 तक 50 हजार गाड़ियों का भार शहर से कम होने की उम्मीद है. उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े मेट्रो रेल नेटवर्क के कारण ऐसा हो पाना संभव होगा.
मेट्रो के दोनों कॉरिडोर के मेट्रो नेटवर्क की लंबाई 32.5 किमी की होने वाली है जिसमें 29 स्टेशन होंगे, जिनमें इसमें 11 स्टेशन अंडरग्राउंउ हैं. कॉरिडोर एक में 7 व कॉरिडोर 2 में चार स्टेशन भूमिगत होंगे
परिवहन विभाग, नगर निगम के साथ ही मेट्रो की आकलन रिपोर्ट की मानें तो मेट्रो के सभी रूटों पर इसकों संचालिक किए जानें से डेढ़ लाख गड़ियों का भार शहर पर कम पड़ेगा.
प्रदेश की राजधानी लखनऊ मेट्रो से लेकर आगरा मेट्रो भी कानपुर मेट्रो रूट व स्टेशनों की संख्या में कम है. लखनऊ के रूट 23 किमी का है व 21 स्टेशन हैं. जिनमें 4 अंडरग्राउंड और 17 एलिवेटेड हैं.
इसी तरह आगरा मेट्रो रूट 30 किमी का है जिसमें 27 स्टेशन में से 7 भूमिगत और 14 एलिवेटेड स्टेशन बनाए गए हैं. जोकि कानपुर मेट्रो से बहुत कम है,.
यूपी का सबसे ज्यादा अंडरग्राउंड स्टेशन वाला मेट्रो: कानपुर के पास एक उपलब्धि तो ये है कि यह यूपी का सबसे ज्यादा और सबसे ज्यादा फैले हुए रूट का मेट्रो है लेकिन एक खास बात ये है कि सबसे ज्यादा अंडरग्राउंड स्टेशन वाला मेट्रो भी कानपुर ही है.
नई दिल्ली से गाजियाबाद तक की कुल दूरी 20 किमी है तो वहीं नोएडा मेट्रो जिससे नोएडा और ग्रेटर नोएडा का जुड़वां है. मेट्रो नेटवर्क में एक लाइन एक्वा लाइन है, जिसकी कुल लंबाई 29.7 किलोमीटर है और जिसमें 21 स्टेशन हैं.
मेट्रो किस तरह शहर पर गाड़ियों का भार करेगी कम: मेट्रो का संचालन मेट्रो के दोनों कॉरिडोर के सभी स्टेशनों से शुरू होने पर सड़कों पर डेढ़ लाख गाड़ियां कम हो सकेंगी. इस तरह के अनुमान लगाए जा चुके हैं.
एक महीने के अंदर कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो रवाना की जाएंगी जिससे मार्च तक 50 हजार वाहन कम होने के अनुमान हैं. दूरी 25 मिनट में आईआईटी से सेंट्रल तक पूरी पाएगी.
जहां तक ट्रायल की बात है तो पहली जनवरी को ही ट्रायल कर लिया गया. मेट्रो सड़कों से ट्रैफिक कैसे कम हो इसे लेकर काम किया जा रहा है. रूट कंप्लीट का काम सेंट्रल तक तक किया जा तुका है.
मेट्रो आईआईटी से सेंट्रल तक संचालन से सड़कों से जाम कम होने में मदद मिलेगी. नए साल पर मेट्रो में एक दिन में कुल 10 हजार से ज्यादा लोगों ने यात्रा किया.