उन्नाव : आगरा एक्सप्रेस वे पर हाल ही में हुए डबलडेकर बस हादसे में उत्तर प्रदेश नगर परिवाहन विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है. जिसके बाद से पूरे प्रदेश में सघन चेकिंग अभियान चलाया जाएंगा.  जिसके लिए 19 अधिकारी भी नियुक्त कर दिए गए है.  प्रदेश भर में डग्गामार बसों के खिलाफ सघन चेकिंग अभियान चलाने के लिए 19 अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी है जो टोल प्लाजा पर तैनात रहेंगे और डग्गामार बसों पर कार्रवाई करेंगे.


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परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने सभी उप परिवहन आयुक्त (परिक्षेत्र), सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन/प्रवर्तन) और सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन/प्रवर्तन) को एक महीने तक सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए स्कूली वाहनों और पैसेंजर वाहनों की जांच करने का आदेश दिया है. टोल प्लाजा पर संभागीय परिवहन अधिकारियों को हर सप्ताह काम पर लगाया गया है. साथ ही, प्रत्येक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) निर्धारित तिथियों पर टोल प्लाजा प्रवर्तन अधिकारियों के साथ जांच करेगा. 


एआईएस 119 की होगी जांच
बस की बॉडी के लिए कोड एआईएस 119 की जांच की जाएगी. बस की बॉडी इस कोड पर बनाई जानी चाहिए. परीक्षण के दौरान एआईएस 119 में निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करते पाए जाने पर यात्री वाहन चालान किया जाएगा और थाने में बंद किया जाएगा. लगेज लदान की भी जांच की जाएगी.


मुख्यमंत्री ने दिए आदेश
उन्नाव बस हादसे को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अगर भविष्य में प्रदेश की सड़कों पर कोई बस डग्गामार या बिना परमिट चलती मिली तो उन अधिकारियों को माफ नहीं किया जाएंगा.  मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक में परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में सभी यात्री बसों और स्कूल बसों का परमिट, फिटनेस, बीमा और चालकों की गहनता से परीक्षण किया जाए. मुख्यमंत्री के कड़े रुख के बाद परिवहन विभाग ने राज्य भर में एक महीने तक डग्गामार और बिना परमिट वाले वाहनों की सख्त जांच करने का आदेश दिया है.


बसों के मालिक को बख्शा नहीं जाएंगा
मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव परिवहन को आदेश दिया कि बिना परमिट और डग्गामार और बिना परमिट वाली बसें कैसे सड़कों पर चलती हैं? ऐसी बसों के मालिकों को सजा दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह की बसों का संचालन करने वाले परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. यात्रियों की सुरक्षा को किसी भी सूरत में खतरा में नहीं डाल सकते है.


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