कार्ति त्यागी उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ के गांव धनोरा के रहने वाले और किसान परिवार से हैं.
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मोहम्मद ताहिर/ हापुड़: दक्षिण अफ्रीका में ICC अंडर 19 वर्ल्ड कप खेला जा रहा है. इस टूर्नामेंट में धमाल मचाते हुए टीम इंडिया ने सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है. पहले क्वॉर्टर फाइनल मुकाबले में भारत ने 3 बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को करारी शिकस्त दी. इस जीत के हीरो तेज गेंदबाज कार्तिक त्यागी बनकर उभरे हैं.
क्रिकेट के लिए अधूरी छोड़ी पढ़ाई
कार्ति त्यागी उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ के गांव धनोरा के रहने वाले और किसान परिवार से हैं. उनके पिता योगेंद्र त्यागी ने बताया कि कार्तिक को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था. कार्तिक जब बहुत छोटे थे तो, उन्होंने सबसे पहले एक ड्राइंग क्रिकेट के ऊपर बनाई थी. कार्तिक का बचपन अपने ननिहाल में बीता था. उसके बाद उन्होंने हापुड़ के एलएन पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की, लेकिन उनका दिल पढ़ाई से ज्यादा क्रिकेट में लगता था. इसीलिए जब 12वीं के परीक्षा के वक्त उन्हें खेलने के लिए बुलाया गया, तो वे पढ़ाई अधूरी छोड़कर चले गए. उन्होंने क्रिकेट में कामयाबी हासिल करने के लिए 12वीं भी पूरी नहीं की.
कार्तिक ने किया आर्थिक तंगी का सामना
पिता योगेंद्र त्यागी को अपने बेटे कार्तिक को क्रिकेट ट्रेनिंग और प्रैक्टिस कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. कार्तिक के पिता ने बताया कि कई बार तो उन्हें क्रिकेट किट दिलाने के लिए पैसे उधार तक लेने पड़े थे.लेकिन उन्होंने अपने बेटे के सपने को पूरा करने में काफी मदद की.
पिता ने की कार्ति के साथ मेहनत
बेटे की कामयाबी पर कार्तिक के पिता खुश हैं, उन्होंने बताया कि वह रोजाना प्रैक्टिस कराने के लिए कार्तिक को अपने साथ मेरठ ले जाते थे, इसके अलावा कहीं भी मैच होता था तो, वह साथ ही जाते थे. कार्तिक के पिता ने उन्हें कभी अकेला नहीं छोड़ा. आज कार्तिक ने अपने पिता के साथ पूरे देश का नाम रौशन किया है.