Chhath Puja Ke Rules: दिपावली के छह दिन बाद एक पर्व आता है जो आस्था का महापर्व है, उस महापर्व का नाम है छठ पूजा  जिसे पूरे भारत खासकर पूर्वी भारत में धूमधाम से मनाया जाता है. बिहार, झारखंड, बंगाल, यूपी में तो इस पर्व की इतनी धूम रहती है कि पर्व के आते ही ऐसा लगता है जैसे इन राज्यों में कोई बहुत बड़ा उत्सव मनाया जा रहा हो. छठ का महापर्व कार्तिक माह में पड़ने वाले शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाने की परंपरा है. सूर्य भगवान और षष्ठी माता को यह पूजा समर्पित है जिसे संतान के अच्छे स्वास्थ्य, सफलता और उनके दीर्घायु के लिए 36 घंटे का उपवास महिलाएं और पुरुष रखते हैं. यह पर्व निर्जल रखा जाता है. 


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छठ 2023 डेट (Chhath 2023 Date)
17 नवंबर 2023 से 20 नवंबर 2023 तक इस साल इस महापर्व को मनाया जाएगा. छठ का पर्व पूरे चार दिन का होता है जिसमें सबसे पहला दिन नहाय खाय का होता है.दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन डूबते सूर्य को व्रती अर्घ्य देते हैं. इसके बाद चौथे दिन व्रती उगते सूर्य को जल अर्पित कर अपने व्रत को पूरा करते हैं. 


छठ पूजा के 4 उपाय
छठ पर्व के दिन जल्दी सुबह उठें और स्नान कर पूर्व दिशा में अपना मुख करके कुश के आसन पर बैठ जाए. पटरे पर सफेद वस्त्र बिछा दें और उसके ऊपर सूर्यदेव का चित्र को रखकर पंचोपचार से उनकी पूरे मन से पूजा करें. सूर्य देव को गुड़ का भोग चढ़ाए और लाल फूल अर्पित करें. 
छठ पर्व के दिन स्नान के तुरंत बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें और फिर गुड़ और कच्चे चावल को जल में या नदी में बहा दें. पके हुए चावल में गुड़ व दूध मिलाकर खाएं इससे सूर्यदेव प्रसन्न  होते हैं. 
छठ पर्व की सुबह स्नान करने के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें और फिर कुश के आसन पर पूर्व दिशा में मुख करके बैठ जाएं. सूर्य के मंत्र का रुद्राक्ष की माला से जाप करें.
छठ के दिन बहते जल में तांबे का सिक्का या तांबे का चौकोर टुकड़ा प्रवाहित करें. सूर्य दोष को कम करने में मदद होगी. लाल कपड़े में गेहूं व गुड़ बांधकर दान करें, इससे मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.
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