Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ मेला छावनी में आज (26 दिसंबर) को अग्नि अखाड़े के संतों का प्रवेश होगा. अखाड़े की पेशवाई सुबह 11 बजे अनंत माधव मंदिर से शुरू होकर मेला क्षेत्र में प्रवेश किया. इसमें महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर और महंत शामिल होंगे. इसमें विभिन्न राज्यों के करीब एक हजार से ज्यादा साधु-संत शामिल होंगे. रथ और घोड़े पर सवार होकर अखाड़े के संत मेला क्षेत्र में अपने शिविर के लिए रवाना हुए.  इसकी अगुवाई अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर पीठाधीश्वर रामकृष्ण ने की.


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अनंत माधव मंदिर से शुरू होगी पेशवाई


अखाड़े की इष्ट माता गायत्री और अग्निपीठाधीश्वर स्वामी रामकृष्णानंद की अगुवाई में अखाड़े की पेशवाई सुबह 11 बजे चौफटका स्थित अनंत माधव मंदिर से शुरू हुई जो पुराने शहर के तमाम क्षेत्रों से होकर मेला क्षेत्र में प्रवेश करेगी. अखाड़े के संत करीब 13 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए मेला क्षेत्र मं प्रवेश करेंगे. इसमें 15 घोड़े और 40 रथ की व्यवस्था की गई है. पेशवाई शुरू होने के पहले संत दही और खिचड़ी ग्रहण करेंगे.


अग्नि अखाड़े के सचिव महंत सोमेश्वरानंद ने बताया कि पेशवाई चौफटका पुल पार करके करबला चौराहे, खुल्दाबाद, कोतवाली, बताशामंडी, कोठापार्चा, बैरहना के रास्ते मेला क्षेत्र में आएगी जो त्रिवेणी पांटून पुल के रास्ते मेला क्षेत्र छावनी पहुंचेगी. इस दौरान आधा दर्जन महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर और तमाम महंत शामिल होंगे. अखाड़े की पेशवाई में घोड़े और ऊंट की सवारियां शामिल होंगे.  इस पेशवाई में करतबबाज करतब दिखाएंगे. इसके साथ ही अखंड परशुराम अखाड़ा भी चलेगा.


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रूट डायवर्जन


इस छावनी प्रवेश को लेकर शहर में रूट डायवर्जन किया गया है. महिला ग्राम चौराहे से चौफटका फ्लाईओवर कोई भी व्हीकल नहीं जाएगा. शहर जाने वाले लोग चौफटका फ्लाईओवर के नीचे से शहर में एंट्री कर सकेंगे. रेलवे स्टेश और बुढ्ढा ताजिया से जुलूस के दौरान कोई भी व्हीकल नहीं जाएगा. महिला ग्राम से आने जाने के लिए सूबेदारगंज फ्लाईओवर का उपयोग कर सकते हैं. राजरुपपुर तिराहे से करबला चौराहे की तरफ वाहनों का प्रेवश वर्जित है. त्रिवेणी मार्ग से बाई का मार्ग यात्रा के समय प्रतिबंधित रहेगा. इसके अलावा और भी रूट डायवर्जन किए गए हैं.


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