लाभांशु ने दिल्ली दंगों में साम्प्रदायिक सद्भाव बढ़ाने के लिए किया था अहम काम, नेपाल ने किया सलाम
कोरोना के आने से पहले लाभांशु शर्मा दुनिया के 100 देशों की यात्रा पर निकले थे. जब वे 32 देशों की यात्रा कर चुके थे, तब कोरोना बड़ी तेजी से फैलने लगा और उन्हें शांति यात्रा बीच में ही छोड़कर वापस आना पड़ा था.
ऋषिकेश: हमेशा अपनी गतिविधियों को लेकर चर्चा में रहने वाले देश के मशहूर कुश्ती खिलाड़ी और विश्व शांति कार्यकर्त्ता लाभांशु शर्मा एक बार फिर से चर्चा में हैं. इस बार वजह है उनको नेपाल में मिलने वाला सम्मान. दिल्ली दंगों के समय हिंदू-मुस्लिम समाज में बढ़ रहे तनाव के बीच शांति संदेश देने के लिए उन्हें नेपाल के गांधी पीस फाउंडेशन की तरफ से Honorary Doctorate की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है.
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क्या है गांधी शांति प्रतिष्ठान?
गौरतलब है कि नेपाल स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान (Gandhi Peace Foundation) महात्मा गांधी के जीवन आदर्श और मूल्यों शांति, अहिंसा और मानवता का संदेश देने का काम करता है.
लाभांशु ने की दिल्ली दंगों में साम्प्रदायिक सद्भाव बढ़ाने की कोशिश
याद हो, पिछले साल दिल्ली में हुए दंगों में लहू-लुहान और दर्द से कराहती जनता के बीच जाकर उनका दुःख दर्द बांटने के लिए बहुत कम लोग ही आगे आए थे. इसका कारण यह था कि लोगों के बीच आपसी तनाव इतना बढ़ गया था कि वह किसी पर भरोसा नहीं कर पाते थे. उस विकट समय में लाभांशु शर्मा शांति संदेश लेकर हिंदू और मुस्लिम समाज के बीच गए. हिंदू-मुस्लिम एकता बैठक की. नतीजतन लोग घरों से बाहर निकलने लगे. इन बैठकों में लाभांशु ने हिंदू के हाथों से मुसलमान और मुसलमान के हाथों से हिन्दू को मिठाई खिलवाकर लोगों के बीच सद्भाव का संदेश दिया था.
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दुनिया के 32 देशों में शांति संदेश लेकर जा चुके हैं लाभांशु
कोरोना आने से पहले लाभांशु शर्मा दुनिया के 100 देशों की यात्रा पर गए थे. जब वे 32 देशों की यात्रा कर चुके थे, तब कोरोना बड़ी तेजी से फैलने लगा और उन्हें शांति यात्रा बीच में ही छोड़कर वापस आना पड़ा था.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी किया था सम्मानित
उत्तराखंड के ऋषिकेश निवासी लाभांशु आने वाले समय में भारतीय संस्कृति के प्रसार के लिए ऋषिकेश से लंदन तक दुनिया की सबसे बड़ी बस यात्रा लेकर जाने वाले हैं. यह यात्रा आगामी जून में प्रस्तावित थी, लेकिन कोरोना के वापस आने की वजह से इसके टलने की संभावना है. गौरतलब है कि लाभांशु इससे पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी पुरस्कृत किए जा चुके हैं.
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