अगर बैंक की लापरवाही से हुआ ऑनलाइन फ्रॉड तो बैंक ही करेगा भरपाई: हाई कोर्ट
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अगर बैंक की लापरवाही से हुआ ऑनलाइन फ्रॉड तो बैंक ही करेगा भरपाई: हाई कोर्ट

कोर्ट ने ग्राहक की लापरवाही से निकाली गई रकम के लिए बैंक को जिम्मेदार नहीं माना है. लेकिन शिकायत के बाद भी खाता सीज न होने की वजह से जो रकम निकली उसके लिए बैंक को जिम्मेदार ठहराया है. 

सांकेतिक तस्वीर.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऑनलाइन फ्रॉड को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट का आदेश है कि अगर किसी भी कस्टमर के अकाउंट से ऑनलाइन फ्रॉड के जरिए पैसा निकलता है और इसमें बैंक की लापरवाही सामने आती है, तो उसी बैंक को पूरी रकम का भुगतान करना होगा. अगर कस्टमर के सूचित करने के बाद भी बैंक कोई एक्शन नहीं लेता है, तो RBI की गाइडलाइन के मुताबिक, यह ग्राहक की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि बैंक की होगी. इस फैसले के साथ ही कोर्ट पंजाब नेशनल बैंक सूबेदारगंज ब्रांच प्रयागराज को कस्टमर के 2 लाख रुपये 10 वर्किंग डे में वापस करने का आदेश दिया है. जस्टिस एसपी केसरवानी और जस्टिस आरएन तिलहरी की बेंच ने ये फैसला सुनाया है. 

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रेलवे कर्मचारी बन किया गया था स्कैम
गौरतलब है कि सूबेदारगंज निवासी अवधेश सिंह ने एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि उनका सैलेरी अकांउट PNB की सूबेदारगंज ब्रांच में है. उस अकाउंट में 4 लाख से ज्यादा रुपये थे. 21 फरवरी 2019 को अवधेश को एक कॉल आया, जिसपर ये बताया गया कि वह रेलवे से बात कर रहे हैं और अवधेश के खाते में पेंशन का अमाउंट डालना चाहते हैं. इसके लिए उनके पास एक OTP (One Time Password) आएगा, जो उन्हें बताना होगा. अवधेश ने वह पासवर्ड बता दिया.

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शिकायत के बाद भी सीज नहीं हुआ अकाउंट
इसके बाद याची के अकाउंट से 4 किस्त में 1 लाख रुपये निकल गए. याची अवधेश ने इसकी शिकायत बैंक में की और अपना अकाउंट सीज करने की बात कही. बैंक के टोल फ्री नंबर पर कंप्लेंट की गई और धूमनगंज थाने में केस दर्ज किया गया. इसके बाद भी बैंक ने कोई एक्शन नहीं लिया. इस वजह से अवधेश के खाते से फिर से 22 और 23 फरवरी को 1-1 लाख रुपये निकल गए.

सिस्टम में गड़बड़ी के चलते नहीं सीज हुआ अकाउंट
इसके बाद याची अवधेश ने अपने एडवोकेट आदर्श सिंह की मदद से याचिका दायर कर पैसे वापस दिलाने की मांग की. एडवोकेट ने RBI की गाइडलाइंस पेश करते हुए बताया कि बैंक की लापरवाही की वजह से पैसे निकले हैं इसमें कस्टमर जिम्मेदार नहीं माना जाएगा. वहीं, बैंक ने दलील पेश की कि गलती याची अवधेश की है कि उन्होंने बिना सोचे-समझे OTP शेयर कर दिया और एक लाख रुपये निकल गए. हालांकि, जहां तक अकाउंट सीज करने की बात है, तो वह सिस्टम में गड़बड़ी के चलते नहीं हो पाया.

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कस्टमर की लापरवाही बैंक की जिम्मेदारी नहीं
दोनों दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने ग्राहक की लापरवाही से निकाली गई रकम के लिए बैंक को जिम्मेदार नहीं माना है. लेकिन शिकायत के बाद भी खाता सीज न होने की वजह से जो रकम निकली उसके लिए बैंक को जिम्मेदार ठहराया है. ऐसे में RBI के Clause 9 के तहत यह बैंक की जिम्मेदारी है कि वह रकम वापस करे. कोर्ट ने याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार किया है और बैंक को आदेश दिए हैं कि 22 और 23 फरवरी को जो रकम खाते से निकली है उसकी भरपाई बैंक 10 दिन के अंदर करे. 

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