Bahraich Violence News: बहराइच में लगातार दूसरे दिन हिंसा जारी है, जिसे काबू में करने के लिए हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि, हिंसा रोकने की कार्रवाई और हालात को काबू में करने की कोशिश को लेकर जिले के पुलिस और प्रशासनिक अफसर कठघरे में हैं. प्रशासनिक व्यवस्था से लेकर अफसरों की कार्रवाई पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं. बहराइच की डीएम से लेकर एसपी कठघरे में हैं, क्योंकि लगातार दूसरे दिन भी बहराइच में बवाल जारी है. सवाल उठ रहे हैं कि जिले के अफसर आखिर हालात क्यों नहीं भांप सके.


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मामले में नया अपडेट 
बहराइच हिंसा के बाद प्रशासन ने सख्ती की है. चार SP-SSP रैंक के अधिकारी, 4 डीएसपी, RAF की एक कंपनी, PAC की 3 कंपनियां समेत भारी संख्या में फोर्स तैनात किए गए हैं. 


बहराइच एसपी वृंदा शुक्ला का बयान 
बहराइच की घटना पर बहराइच एसपी वृंदा शुक्ला ने कहा है कि ‘हम पूरे हालात पर नियंत्रण पा रहे हैं. अपनी पूरी ताकत हमने लगा दी है उन सभी उपद्रवियों को तितर बितर करने की कोशिश में जो परेशानी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. हालात काबू में हैं.’


सोमवार दोपहर को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश और कई अन्य सीनियर अधिकारी बहराइच पहुंचे. चार SP-SSP रैंक के अधिकारियों के अलावा 4 डीएसपी, RAF की एक कंपनी, PAC की 3 कंपनियां समेत भारी संख्या में फोर्स पूरे इलाके में तैनात किया गया है. 


सवालों के घेरे में बहराइच एसपी और डीएम 
सवाल उठ रहे हैं कि पहले दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दिन दोनों पक्षों में हुए संघर्ष के समय पुलिस हालात क्यों संभाल नहीं सकी और मूकदर्शक बनी रही. दोनों पक्षों के बीच डीजे बजाने को लेकर विवाद हुआ, फिर धार्मिक झंडा उतारने का पूरा वाकया भी कैमरे में कैद हुआ. इस दौरान पुलिस कोई हस्तक्षेप करती नहीं दिखाई दी. कैसे कुछ युवक रामगोपाल को खींचकर ले गए और उसे गोलियां मार दीं. डेढ़ दो घंटे तक संघर्ष चलता रहा, पत्थरबाजी हुई और गोलियां चलीं, लेकिन पुलिस से हालात नहीं संभलते दिखे. एसपी वृंदा शुक्ला ने इसको लेकर एसओ और चौंकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया.  


वहीं इस हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा का शव जब सोमवार को उसके गांव लाया जा रहा था, तो उस वक्त हजारों की भीड़ गांव और आसपास के इलाके में पहुंच गई. उपद्रवियों ने कई वाहनों और दुकानों में आग लगा दी, लेकिन पुलिस फिर हालात संभाल नहीं सकी. सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या स्थानीय खुफिया बल एलआईयू इससे बेखबर था. पहले दिन हुए खूनखराबे के बाद भी दूसरे दिन भी ढिलाई बरती गई. जिले की एसपी वृंदा शुक्ला और जिलाधिकारी मोनिका रानी भी इन्हीं सवालों के घेरे में हैं.


दूसरे दिन भी हालात बेकाबू
आज सुबह की बात करें तो दूसरे दिन भी बहराइच में स्थिति तनावपूर्ण बनी रही. मौके पर फिर से भीड़ जमा हुई और उग्र प्रदर्शन किया जाने लगा. यहां कर कि भीड़ इतनी  उग्र हो गई कि देखते ही देखते तोड़फोड़ शुरू हो गई. दुकानों को चुन-चुनकर निशाना बनाया गया. गाड़ियों के शोरूम में भी आज आगजनी हुई और घरों के बाहर खड़ी गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई. किसी तरह भीड़ को पुलिस ने काबू में किया लेकिन फिर भी लॉ एंड ऑर्डर को लेकर अफसरों पर सवाल उठाए जा रहे हैं.


दरअसल, भीड़ को शहर से दूर ले जाने की कोशिश कामयाब कोशिश थी पर शहर के बाद भीड़ ने उपद्रव गांवों में शुरू कर दिया. वहीं दूसरी ओर यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने सख्ती से दंगाइयों से निपटने के निर्देश जारी कर दिए हैं. ताजा हालात पर रिपोर्ट मांगी और अफवाह फैलाने वालों पर भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.


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