CISF समारोह में बोले PM मोदी, `पाकिस्तान के पास युद्ध लड़ने की क्षमता नहीं, आतंक को देता है पनाह`
सीआईएसएफ आज मना रहा है 50वां स्थापना दिवस. पीएम मोदी ने सबसे पहले कैंप के परिसर में शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के 50वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में हिस्सा लिया. इसके लिए वह गाजियाबाद के इंदिरापुरम में सीआईएसएफ के 5वें बटालियन कैंप पहुंचे. जहां पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. पीएम मोदी ने यहां सीआईएसएफ के जवानों को सम्मानित भी किया. पीएम मोदी ने इस दौरान सीआईएसएफ को 50वें स्थापना दिवस समारोह की बधाई दी. उन्होंने देश के वीर जवानों को नमन भी किया.
इसके बाद उन्होंने सीआईएसएफ के जवानों को संबोधित भी किया. उन्होंने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पड़ोसी देश के पास युद्ध लड़ने की क्षमता नहीं है. पाकिस्तान आतंकवाद को पनाह देता है. जब आतंक का घिनौना रूप अलग-अलग रूपों में प्रकट होता हो, ऐसे में देश की सुरक्षा अपने आप में बड़ी चुनौती होती है. यहां मैं उस ऊर्जा को महसूस कर पा रहा हूं, जो देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है.
पीएम मोदी भारतीय वायुसेना के हेलीकाप्टर से आयोजन स्थल पर पहुंचे. उन्होंने सबसे पहले कैंप के परिसर में शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की.
सीआईएसएफ को दी बधाई
पीएम मोदी ने कहा कि स्वर्ण जयंती के इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंचने के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई. एक संगठन के नाते आपने जो 50 वर्ष पूरे किए हैं वो प्रशंसनीय उपलब्धि है. सीआईएसएफ से जुड़े आप सभी लोगों ने राष्ट्र की संपदा को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाई है. नए भारत की नई और आधुनिक व्यवस्थाओं को सुरक्षित करने के लिए आप निरंतर आगे बढ़ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत के सपनों को साकार करने में सीआईएसएफ एक महत्वपूर्ण इकाई है. 50 साल तक लगातार हजारों लोगों ने आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए इसे विकसित किया है, तब जाकर ऐसा संगठन बनता है.
बेटियों का अभिनंदन
पीएम मोदी ने कहा कि सीआईएसएफ में अन्य केंद्रीय बलों की तुलना में बेटियों की संख्या काफी ज्यादा है. मैं इसके लिए उन बेटियों का और उनके मां-पिता का अभिनंदन करता हूं. उन्होंने मेट्रो और एयरपोर्ट में सीआईएसएफ सुरक्षा की बात करते हुए कहा कि एक संगठन को सुरक्षा देना, जहां 30 लाख तक लोग आते हों, जहां हर चेहरा अलग हो, सबका व्यवहार अलग हो. ये काम किसी वीआईपी को सुरक्षा देने से कई गुना बड़ा काम है.
बखूबी निभाई है जिम्मेदारी
देश में ही नहीं विदेश में भी जब मानवता संकट में आई है तब CISF ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई है. आपदाओं की स्थिति में भी आपका योगदान हमेशा से सराहनीय रहा है. केरल में आई भीषण बाढ़ में आपने राहत, बचाव के काम में दिन रात एक करके हजारों लोगों का जीवन बचाने में मदद की.