Budaun Lok Sabha Seat Chunav 2024: बदायूं सीट पर तीसरे चरण में 8 मई को वोटिंग होगी. यह सीट भी चर्चित सीटों में शामिल है. सपा ने यहां दो बार प्रत्याशी बदला है. पहले यहां धर्मेंद्र यादव का नाम आया फिर शिवपाल यादव चुनाव लड़ने जा रहे थे लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने भी कदम पीछे खींचकर अपनी जगह बेटे को मैदान में उतार दिया. बीजेपी ने भी सिटिंग सांसद संघमित्रा मौर्य का टिकट काटा है.  बदायूं सीट से कुल 11 उम्मीदवार मैदान में है लेकिन यहां त्रिकोणीय मुकाबला होता दिखाई दे रहा है. बीजेपी ने यहां से दुर्विजय सिंह शाक्य, सपा ने आदित्य यादव और बसपा ने मुस्लिम खान को उम्मीदवार बनाया है. 


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कौन हैं बीजेपी प्रत्याशी दुर्विजय सिंह शाक्य
बीजेपी ने बदायूं से शाक्य-मौर्य कार्ड खेलते हुए दुर्विजय सिंह शाक्य पर दांव लगाया है. दुर्विजय की पहचान कुशल संगठनकर्ता के साथ बेहतर रणनीतिकार के तौर पर होती है. वह संघ की विचारधार से संबंध रखते हुए राजनीति कर रहे हैं. राम मंदिर आंदोलन के समय भी वह सक्रिय रहे और 14 दिन जेल में भी रहे. 2023 से वह ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष हैं, उनके रहते ही पार्टी ने यहां अच्छा प्रदर्शन किया था. इसी के चलते पार्टी ने उन पर भरोसा जताते हुए प्रत्याशी बनाया है. 


सपा से आदित्य यादव मैदान में 
सपा प्रत्याशी को लेकर आखिरी तक ऊहापोह की स्थिति देखने को मिली. पहले पार्टी ने यहां धर्मेंद्र यादव को टिकट दिया था. इसके बाद उनकी जगह शिवपाल यादव का नाम प्रत्याशी की सूची में आया लेकिन उनका मन चुनाव लड़ने में नहीं दिखा. आखिरी में उन्होंने अपनी जगह बेटे आदित्य यादव को मैदान में उतार दिया. इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले आदित्य 35 साल के हैं. सक्रिय राजनीति में वह पहली बार कदम रख रहे हैं. लेकिन पिता शिवपाल के लिए चुनाव प्रचार का जिम्मा पहले भी संभाल चुके हैं.


बसपा का 'मुस्लिम' पर दांव
बसपा ने बदायूं से मुस्लिम खान को मैदान में उतारा है. वह बदायूं के ककराला कस्बे के रहने वाले हैं. 2007 में वह बसपा के टिकट पर विधायक रह चुके हैं. लेकिन 2012 में पीस पार्टी से लड़े लेकिन हार का सामना करना पड़ा. 2022 में वह फिर बसपा से लड़े लेकिन कामयाबी नहीं मिली. अब बसपा ने उनको लोकसभा का टिकट दिया है. मुस्लिम खान की मुस्लिम वोटरों पर अच्छी पकड़ मानी जाती है. 


सीट के समीकरण
बदायूं संसदीय क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटें आती हैं. गुन्नौर, बिसौली, सहसवान, बिल्ली और बदायूं शामिल हैं. बदायूं को सपा का गढ़ माना जाता है, 1996 से लेकर 2014 तक यहां से सपा प्रत्याशी जीतते रहे हैं. 2019 में  यहां कमल खिला था. बीजेपी के टिकट पर संघमित्रा मौर्य चुनाव जीते थे. यहां वोटरों की संख्या करीब 19 लाख है, जिसमें सबसे ज्यादा यादव वोटर हैं. जिनकी संख्या करीब 4 लाख के आसपास है. वहीं 3.75 लाख मुस्लिम और दो लाख 28 हजार गैर यादव ओबीसी वोटर हैं.  


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