Mainpuri lok sabha seat 2024: मैनपुरी संसदीय सीट के लिए तीसरे चरण में होने वाले चुनाव के लिए सपा-भाजपा सहित सभी दलों ने प्रचार अभियान तेज कर दिया है. पहले खुद मुलायम सिंह इस सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं और सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी सीट से चुनाव लड़ रही हैं.
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Mainpuri lok sabha seat 2024: मैनपुरी लोकसभा सीट पर इस बार चुनाव बेहद ही दिलचस्प नजर आ रहा है.इस सीट पर यादव परिवार की ओर से समाजवादी पार्टी ने यादव परिवार की बहू डिंपल यादव पर दांव लगाया है.वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि बसपा से शिव प्रसाद यादव चुनाव मैदान में हैं. ये सीट सपा का गढ़ मानी जाती है. इस लोकसभा चुनाव में यहां रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है. आइए जानते हैं इस सीट पर किस सीट पर कौन से प्रत्य़ाशी हैं और इनका राजनीतिक इतिहास क्या है.
भाजपा प्रत्याशी जयवीर सिंह
यदि प्रत्याशियों के प्रोफाइल की बात करें तो जयवीर सिंह ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की थी, लेकिन बाद में वह बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए. बसपा का दौर समाप्त होता देख उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था.जयवीर सिंह का मैनपुरी से पुराना नाता रहा है. वे दो बार साल 2002 और 2007 में घिरोर विधानसभा क्षेत्र से बीएसी के टिकट पर विधायक रह चुके हैं. जयवीर सिंह को लंबा राजनीतिक अनुभव रहा है. वह प्रदेश के ऐसे गिने-चुने नेताओं में शुमार हैं, जिन्होंने ग्राम प्रधान के रूप में अपनी राजनीति पारी की शुरुआत की और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री बने. साल 2003 में उन्हें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया.2007 में दोबारा विधायक चुने जाने के बाद माया सरकार में सिंचाई यांत्रिक विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए. साल 2022 में बीजेपी ने उन्हें मैनपुरी की सदर विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था. वो दो बार सपा के विधायक रह चुके राजकुमार यादव के खिलाफ चुनाव लड़े थे. जयवीर ने यहां सपा के वर्चस्व को तोड़ा और जीते. मौजूदा समय में वो योगी सरकार में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री हैं.
सपा प्रत्याशी डिंपल यादव
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की बड़ी बहू और पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चौथी बार लोकसभा चुनावी मैदान में उतरी हैं. 2009 में डिंपल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. इसी साल वह फिरोजाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ीं और फिल्म अभिनेता रहे राज बब्बर से हार गईं थीं. इसके बाद 2012 में कन्नौज लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में वह जीत गईं. इसी सीट से डिंपल 2014 के आम चुनावों में भी जीतीं. 2019 में कन्नौज की सीट हार गई. डिंपल का संबंध उत्तराखंड से हैं. वह वाणिज्य में स्नातक है उनकेपिता सेना में कर्नल थे. डिंपल यादव की दो बेटियां और एक बेटा है. लोकसभा चुनाव में डिंपल की बेटी भी जोर शोर से लगी है.
बसपा प्रत्याशी शिव प्रसाद यादव
वहीं शिवप्रसाद यादव घोसी समाज से हैं. बसपा प्रत्याशी शिव प्रसाद यादव मूल रूप से इटावा के रहने वाले हैं. वह 2007 में भरथना विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं. शिवपाल बीजेपी में भी रह चुके हैं. इसके बाद उन्होंने अपनी सर्वजन सुखाय पार्टी बनाई. लेकिन ऐन चुनाव के मौके पर वह फिर से बीएसपी में लौट आए हैं. मैनपुरी लोकसभा में 30-35 प्रतिशत घोसी समाज के यादव हैं. इसलिए लोकसभा में मुकाबला रोचक हो सकता है.
मैनपुरी लोकसभा सीट का इतिहास, 28 वर्षों से सपा कायम
मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र को सपा का गढ़ कहा जाता है. वर्ष 1996 में मुलायम सिंह यादव यहां पहली बार लोकसभा के मैदान में उतरे थे. इसके बाद यहां सपा का रंग गहरा होता चला गया. बीते 10 चुनावों से अखिलेश यादव की पार्टी इस सीट पर लगातार जीतती रही है. इनमें से पांच चुनावों में खुद मुलायम सिंह यादव सांसद बने थे जबकि तीन उपचुनावों में परिवार के अलग-अलग सदस्य संसद तक पहुंचे. यादव मतदाता बहुल इस इलाके में सपा की हार बहुत मुश्किल नजर आती है. आजादी के बाद इस लोकसभा में 5 बार कांग्रेस जीतती रही.हालांकि भाजपा ने बीते दो साल में यहां संगठन को काफी मजबूत किया है. संसदीय सीट की पांच विधानसभा सीटों में दो पर भाजपा और तीन पर सपा का कब्जा है.
मैनपुरी में कुल मतदाता-1702258
पुरुष मतदाता-920069
महिला मतदाता 782189
मैनपुरी में सात मई को वोटिंग
यूपी में तीसरे चरण में यूपी की 10 लोकसभा सीटों पर सात मई को मतदान होना है. इन दस सीटों पर 100 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर है. चार जून को नतीजे आएंगे.
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