Domariyaganj Lok Sabha Election 2024: देश में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है, कभी भी निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव की तरीखों का ऐलान किया जा सकता है. इस बार भी डुमरियागंज सीट से भाजपा ने वर्तमान सांसद जगदम्बिका पाल को प्रत्याशी बनाया है.
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Domariyaganj Lok Sabha Election 2024: देश में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है, कभी भी निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव की तरीखों का ऐलान किया जा सकता है. सभी पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारना शुरु कर दिया है. इस बार भी इस सीट से भाजपा ने वर्तमान सांसद जगदम्बिका पाल को प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में आज हम नेपाल से सीमा साझा करने वाली संसदीय सीट जो जनपद सिद्धार्थनगर को भी कवर करती है डुमरियागंज पर चर्चा करने जा रहे है. डुमरियागंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र राजनैतिक दृष्टी से तो महत्वपूर्ण है ही लेकिन इस क्षेत्र के 'काला नमक' और चावल पूरी दुनिया में मशहूर है. आयरन और जिंक से भरपूर इन चावलों का ज़िक्र संयुक्त राष्ट्र की खाद्य और कृषि सम्बन्धी संस्था ने अपनी किताब 'स्पेसिअलिटी राइस ऑफ वर्ल्ड' में भी किया है. आज हम यहां की डेमोग्राफी और विधानसभा क्षेत्र और इस क्षेत्र का सियासी समीकरण और जातीय समीकरण के साथ सभी मुद्दो पर चर्चा करेंगे.
संसदीय क्षेत्र की आबादी
डुमरियागंज लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश के 543 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. इसमें वर्तमान में 5 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. उनमें से 8,67,324 पुरुष वोटर हैं. महिला मतदाताओं की संख्या 10,17,938 हैं. थर्ड जेंडर के मतदाता 171 हैं. 2019 में कुल वोटरों की संख्या 9,85,269 थी. जिनमें से कुल पुरुष मतदाता 4,89,185 और महिला मतदाता 4,95,930 थीं. 2019 में कुल मतदान प्रतिशत 52.26% था. ये आकंडा समयानुसार बदलता रहता है.
पिछले चुनाव का परिणाम
जीत की हैट्रिक लगा चुके जगदम्बिका पाल यहां से भाजपा के सांसद हैं जो 2009 में कांग्रेस के टिकट पर भी इस क्षेत्र से लोकसभा पहुंचे थे. वहीं यहां पर इस बार चुनाव में विपक्ष भी सीट निकालने के लिए पूरी मेहनत कर रही है. भाजपा पिछले तीन चुनावों में जीत का परचम लहरा चुकी है. इन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा उम्मीदवार मोहम्मद मुकीम को हराया था. बहुजन समाज पार्टी के मोहम्मद मुकीम को 1 लाख 95 हजार 257 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे. वहीं जगदम्बिका पाल ने कुल 2 लाख 98 हजार 845 वोट पाकर जीत दर्ज की थी.
जातीय समीकरण
डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र मुसलमानों का दबदबा माना जाता है. इस क्षेत्र में मुस्लिम वोटरों की अच्छी खासी तादात है. बताया जाता है कि कुल करीब 54 फीसदी आबादी हिंदुओं की और 43 मुस्लिम मुस्लिमों की है. यहां SC वोटर 16 प्रतिशत हैं. वोटर की संख्या करीब 19 लाख है. इस सीट पर हमेशा चुनावों में जातिया के अनुसार बड़ा असर देखने को मिलता है. सीट पर जिस प्रत्याशी की ओर मुस्लिम समुदाय खड़ा हो जाता है वह प्रत्याशी विजयी हो जाता है.
काला नमक चावल यहीं का है
सिद्धार्थनगर काला नमक चावल दुनियाभर में मशहूर है. आयरन और जिंक से भरपूर यहां के चावल का जिक्र संयुक्त राष्ट्र की किताबों में भी हुआ है. हालांकि यह जिला फिर भी पिछड़े जिलों में आता है. 1988 में बस्ती से अलग होकर सिद्धार्थनगर बना था.
सीट का चुनावी सफर
इस सीट पर पहली 1952 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के केशव देव मालवीय ने जीत दर्ज की थी. उसके बाद लगातार 3 बार अलग-अलग प्रत्याशियों ने कांग्रेस के लिए ये सीट जीती. इसके 1967 नारायण स्वरूप शर्मा ने भारतीय जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता. इसके बाद कांग्रेस और जनता दल 89 तक टक्कर देखने को मिली. फिर दौर आया राम मंदिर की लहर का और सीट भाजपा के खाते में पहली बार पहुंची. 1991 में पहली बार भाजपा से रामपाल सिंह ने जीत हाशिल की.
यहां देखिए 1952 से लेकर 2019 तक की पूरी लिस्ट
डुमरियागंज लोकसभा में विधानसभाएं
डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा क्षेत्र डुमरियागंज, शोहरतगढ़, कपिलवस्तु, बांसी और इटवा आते हैं. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में डुमरियागंज से समाजवादी पार्टी की सईदा खातून ने भाजपा के राघवेंद्र प्रताप सिंह को 771 वोटों से हरा दिया. शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की सहयोगी अपना दल के उम्मीदवार विनय वर्मा ने जीत दर्ज की. कपिलवस्तु विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के श्याम धानी, बांसी सीट से भाजपा के जयप्रताप सिंह और इटवा क्षेत्र से सपा के माता प्रसाद पांडेय ने जीत हासिल की थी.