Firozabad Lok sabha Seat Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में कुल 8 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इनमें फिरोजाबाद भी शामिल है. बीते चुनाव में यहा बीजेपी के खाते में गई थी लेकिन इस बार सीट पर सियासी माहौल बदला हुआ नजर आ रहा है. बीजेपी ने सिटिंग सांसद चंद्रसेन जादौन का टिकट काट दिया है. सपा ने इस सीट से अक्षत यादव को और बसपा ने पूर्व मंत्री चौधरी बशीर को मैदान में उतारकर फिरोजाबाद सीट की लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है. 


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फिरोजाबाद सीट का समीकरण
2011 की जनसंख्या के आंकड़ों को मानें तो फिरोजाबाद क्षेत्र में 15 फीसदी से अधिक मुस्लिम जनसंख्या है. यानी मुस्लिम मतदाता यहां पर निर्णायक स्थिति में हैं. 2014 के आंकड़ों के अनुसार यहां 16 लाख से अधिक वोटर हैं, इनमें 9 लाख से अधिक पुरुष और 7 लाख से अधिक महिला मतदाता हैं. 2019 के चुनाव में भी इस सीट पर मुस्लिम, जाट और यादव वोटरों का समीकरण बड़ी भूमिका निभा सकता है. फिरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें टुंडला, जसराना, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद और सिरसागंज सीटें शामिल हैं. 


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कौन हैं ठाकुर विश्वदीप सिंह?
फिरोजाबाद से बीजेपी के प्रत्याशी ठाकुर विश्वदीप सिंह शिक्षाविद हैं। वह जिले में कई स्कूल और कॉलेजों का संचालन करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ठाकुर विश्वदीप सिंह के पिता ठाकुर ब्रजराज सिंह साल 1957 में फिरोजाबाद में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी लोकसभा चुनाव जीतने में सफल रहे थे. साल 2014 में बुरी तरह हारे थे ठाकुर विश्वदीप. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में ठाकुर विश्वदीप सिंह ने बसपा की टिकट से चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में वह बुरी तरह हारे थे.


कौन है सपा का उम्मीदवार?
सपा ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए एक बार फिर से अक्षत यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है. अक्षय यादव का जन्म 15 अक्टूबर 1986 को हुआ है. वह यूपी के इटावा के रहने वाले हैं. उनके पिता रामगोपाल यादव राज्यसभा सांसद हैं और मुलायम सिंह के परिवार का एक बड़ा चेहरा हैं. अक्षय की मां फूलन देवी का अगस्त 2010 में निधन हो गया. उनकी एक बहन और एक भाई है. अक्षय ने नोएडा की एमिटी यूनिवर्सिटी और गाजियाबाद के दीप मेमोरियल पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की है. उनकी शादी 10 फरवरी 2010 को हुई है और उनकी पत्नी का नाम डॉ. ऋचा यादव है.


कौन हैं बसपा उम्मीदवार चौधरी बशीर?
आगरा के ढोलीखार के रहने वाले चौधरी बशीर मुलायम सरकार में मंत्री रह चुके हैं. 2002 में बीएसपी से विधायक भी चुने गये थे. मायावती सरकार गिर जाने के बाद मुलायम सिंह के नेतृत्व में बनी सरकार में मंत्री बनाए गए. इसके बाद उन्होंने कई चुनाव लड़े और कई दलों में रहकर राजनीति की . उन्होंने फ़िरोज़ाबाद से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन असफल रहे. इस बार बसपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है. 


जातीय समीकरण 
2014 के आंकड़ों के मुताबिक फिरोजाबाद में 16 लाख से ज्यादा मतदाता रहे, जिनमें से 9 लाख से ज्यादा पुरुष और 7 लाख से अधिक महिला मतदाता थीं. इस सीट पर मुस्लिम के बाद जाट और यादव मतदाताओं का अच्छा प्रभाव माना जाता है. सभी राजनीतिक दल इसी ​समीकरण को अपने पक्ष में करने में जुटी है. लोकसभा चुनाव 2014 में यहां भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर हुई थी, हालांकि समाजवादी पार्टी के अक्षय यादव ने बाजी मार ली थी. लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी के प्रत्याशी चंद्रसेन जादौन ने इस सीट से जीत हासिल की.