Pilibhit Lok sabha Seat Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में कुल 8 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इनमें पीलीभीत भी शामिल है. बीते चुनाव में यहा बीजेपी के खाते में गई थी लेकिन इस बार सीट पर सियासी माहौल बदला हुआ नजर आ रहा है.
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Pilibhit Lok sabha Seat Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में कुल 8 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इनमें पीलीभीत भी शामिल है. बीते चुनाव में यहा बीजेपी के खाते में गई थी लेकिन इस बार सीट पर सियासी माहौल बदला हुआ नजर आ रहा है. बीजेपी ने सिटिंग सांसद वरुण गांधी का टिकट काट दिया है. सपा और बसपा दोनों ने पूर्व मंत्रियों को मैदान में उतारकर पीलीभीत सीट की लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है.
पीलीभीत सीट की पहचान बीते साढ़े दशक से मेनका गांधी और वरुण गांधी से होती रही है लेकिन बीजेपी ने वरुण गांधी का टिकट काटकर इस बार योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद को उतारा है. जबकि सपा से पूर्व मंत्री भगवत सरन और बसपा ने पूर्व मंत्री अनीस अहमद को टिकट दिया है. बीजेपी को उम्मीद है कि मुस्लिम वोटों में बंटवारा से उनकी उम्मीदें खिलेंगी.
कौन हैं सपा प्रत्याशी भगवत सरन?
सपा प्रत्याशी भगवत सरन गंगवार सपा सरकार में लघु उद्योग और निर्यात प्रोत्साहन मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं. नवाबगंज सीट से उन्होंने पांच बार विधानसभा का चुनाव भी जीता. 1991 और 1993 में वह बीजेपी के टिकट पर विधायक बन चुके हैं.
कौन हैं बसपा प्रत्याशी फूलबाबू?
बसपा प्रत्याशी अनीस अहमद उर्फ फूल बाबू बसपा के पुराने नेताओं में से एक हैं. 1989 में बसपा से जुड़कर राजनीति शुरू की. वह बसपा के टिकट पर पीलीभीत की बीसलपुर सीट से तीन बार विधायक रहे. वह तीन लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई. बसपा ने चौथी बार उनको मैदान में उतारा है.
कौन हैं बीजेपी प्रत्याशी जितिन प्रसाद
बीजेपी ने पीलीभीत सीट से जितिन प्रसाद पर दांव लगाया है. जितिन प्रसाद योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. एक समय उनकी गिनती कांग्रेस के भरोसेमंद नेताओं में होती थी. 2004 में वह कांग्रेस के टिकट पर शाहजहांपुर सीट से सांसद रह चुके हैं. इसके बाद 2009 में धौरहरा से सांसद बने. कांग्रेस सरकार में उन्होंने कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली. 2021 में वह बीजेपी में शामिल हुए थे.
पीलीभीत के जातीय समीकरण
पीलीभीत सीट पर कुर्मी और मुस्लिम वोटरों को साधने की सभी दलों की कोशिश रहेगी. ये किसी भी दल का खेल बनाने और बिगाड़ने में निर्णायक माने जाते हैं. अब तक सात बार इस सीट पर कुर्मी प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है. सीट पर मुस्लिम वोटर करीब तीस फीसदी ( पांच लाख), लोध किसान 4.5 लाख और कुर्मी वोटर की संख्या करीब 2 लाख है. इसके अलावा मौर्य, पासी और जाटव वोटर भी करीब 2 लाख हैं.