Gautam Buddha Nagar Lok Sabha Seat Election 2024 : लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को यूपी की 8 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा. इसमें गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट भी शामिल है. फ‍िलहाल पिछले दो बार से इस सीट पर बीजेपी का कब्‍जा है. बीजेपी ने इस सीट से दोबारा महेश शर्मा पर दांव लगाया है. वहीं, समाजवादी पार्टी ने डॉ. महेंद्र नागर को प्रत्‍याशी बनाया है. वहीं, बसपा ने राजेंद्र सिंह सोलंकी को टिकट दिया है. भाजपा, सपा और बसपा समेत 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. 


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बीजेपी का डॉ. महेश शर्मा पर दांव 
2024 के चुनाव में बीजेपी ने डॉ. महेश शर्मा को गौतमबुद्ध नगर सीट पर हैट्रिक लगाने के दावे के साथ चौथी बार उम्मीदवार बनाया है. 2008 के परिसीमन के बाद गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट अस्तित्‍व में आई. तब से बीजेपी हर बार डॉ. महेश शर्मा को यहां से प्रत्‍याशी बनाया है. 2019 के चुनाव में 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. बीजेपी के डॉ. महेश शर्मा को चुनाव में 830,812 वोट मिले, उन्‍होंने बसपा के सतवीर को भारी मतों से हराया था. कांग्रेस उम्मीदवार डॉक्टर अरविंद कुमार सिंह तीसरे स्थान पर थे.


सपा ने डॉ. महेंद्र नागर को दिया टिकट  
समाजवादी पार्टी ने डॉ. महेंद्र नागर को प्रत्‍याशी बनाया है. सपा ने राहुल अवाना का टिकट काटकर दोबारा महेंद्र नागर को उम्‍मीदवार बनाया. महेंद्र नागर पेशे से डॉक्‍टर हैं. वह साल 1999 से राजनीति में सक्रिय हैं. उन्‍होंने कांग्रेस से राजनीति में कदम रखा था. महेंद्र नागर 2006 से 2016 तक गौतमबुद्ध नगर में कांग्रेस के जिला अध्‍यक्ष रहे. महेंद्र नागर गुर्जर समाज से आते हैं. गुर्जर वोटर में उनकी अच्‍छी पकड़ है. 


बसपा ने ठाकुर पर लगाया दांव 
बसपा ने ठाकुर समाज से आने वाले राजेंद्र सिंह सोलंकी पर दांव लगाया है. पिछले चुनाव में बसपा दूसरे नंबर थी. गौतमबुद्ध नगर सीट बसपा के लिए अहम है, क्‍योंकि बसपा सुप्रीमो मायावती का गृह जनपद है. परिसीमन के बाद यहां 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में बसपा ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद बसपा को दो बार हार का सामना करना पड़ा. बसपा सुप्रीमो मायावती का दावा है कि गौतमबुद्ध नगर को हाईटेक सिटी बनाने में उनकी पार्टी की अहम भूमिका रही है. उनकी पार्टी ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा में सबसे ज्यादा विकास किया है. 


जातीय समीकरण 
गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट में कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें नोएडा, जेवर, सिकंदराबाद, दादरी और खुर्जा शामिल हैं. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में ये सभी पांच सीटें भाजपा के खाते में गई थीं. इस संसदीय सीट पर जातिगत समीकरण काफी अहम माना जाता है. यहां गुर्जर, ठाकुर और दलित के साथ-साथ मुस्लिम और ब्राह्मण वोटरों की संख्‍या ज्‍यादा है. साल 2019 के चुनाव के समय यहां ठाकुर वोटर की संख्या 4 लाख से ज्यादा थी, जबकि ब्राह्मण वोटर की भी करीब 4 लाख संख्या थी. इसके बाद मुस्लिम वोटर करीब 3.5 लाख, गुर्जर वोटर करीब 4 लाख के साथ-साथ दलित वोटर की संख्या भी करीब 4 लाख थी. 


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