Kushinagar Lok sabha seat Chunav 2024: कुशीनगर लोकसभा सीट पर सातवें चरण में 1 जून को वोट डाले जाएंगे. बीजेपी, सपा और बसपा प्रत्याशियों के बीच स्वामी प्रसाद मौर्य ने चुनावी मैदान में ताल ठोककर चुनावी जंग को दिलचस्प बना दिया है.
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Kushinagar Lok sabha seat Chunav 2024: कुशीनगर लोकसभा सीट पर सातवें चरण में 1 जून को वोट डाले जाएंगे. बीजेपी, सपा और बसपा प्रत्याशियों के बीच स्वामी प्रसाद मौर्य ने चुनावी मैदान में ताल ठोककर चुनावी जंग को दिलचस्प बना दिया है. यहां राष्ट्रहित और स्थानीय मुद्दे के साथ जातीय गणित भी खास मायने रखता है. इसी को ध्यान में रखकर सियासी दलों ने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है.
बीजेपी का ब्राह्मण तो सपा-बसपा का ओबीसी चेहरे पर दांव
बीजेपी ने ब्राह्मण चेहरे विजय कुमार दुबे पर भरोसा जताते हुए एक बार फिर मैदान में उतारा है. वह 2019 में भी यहां से सांसद बने थे. जबकि उनके मुकाबले समाजवादी पार्टी ने ओबीसी प्रत्याशी अजय प्रताप सिंह पर दांव लगाया है. बसपा ने भी पिछड़ा वर्ग से आने वाले शुभ नारायण चौहान को उम्मीदवार बनाया है. वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य भी राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के सिंबल पर ताल ठोक रहे हैं.
जातीय समीकरण
कुशीनगर लोकसभा सीट पर 18.75 लाख मतदाता प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे.मुस्लिम वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है. यहां करीब 3.5 लाख मुस्लिम वोटर हैं. जबकि दलित मतदाताओं का अनुमानित आंकड़ा 2.94 लाख है. इसके अलावा कुशवाहा वोटर 2.24 लाख, ब्राह्मण मतदाता 2.23 लाख, यादव 1.75 लाख, कुर्मी, सैंथवार 1.75 लाख, चौहान 1.04 लाख, राजपूत 70 हजार, भूमिहार 14 हजार और अन्य की अनुमानित संख्या करीब 2.48 लाख है.
बीजेपी-निषाद पार्टी के पास सभी विधानसभा सीटें
कुशीनगर लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें खड्डा, पडरौना, कुशीनगर, हठ और रामकोला विधानसभा सीट शामिल है. इनमें से चार पर बीजेपी का कब्जा है जबकि खड्डा विधानसभा सीट बीजेपी की सहयोगी दल निषाद पार्टी के पास है. यहां से विवेक आनंद पांडे विधायक हैं.
सीट का गणित
2009 में कुशीनगर सीट पर पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ था. तब यहां से कांग्रेस के आरपीएन सिंह ने कांटे के मुकाबले में बसपा के सिंबल पर लड़े स्वामी प्रसाद मौर्य को शिकस्त दी थी. आरपीएन सिंह ने यह चुनाव करीब 21 हजार वोटों से जीता था. 2014 में यहां से राजेश पांडेय ने पहली बार कमल खिलाया था. 2019 में भी यह सीट बीजेपी के खाते में गई थी. तब विजय कुमार दुबे चुनाव जीतने में सफल रहे थे.
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