Muzaffarnagar Lok Sabha Result: मुजफ्फरनगर में नहीं चला संजीव बालियान का जादू, सपा प्रत्याशी हरेंद्र मलिक जीते
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Muzaffarnagar Lok Sabha Result: मुजफ्फरनगर में नहीं चला संजीव बालियान का जादू, सपा प्रत्याशी हरेंद्र मलिक जीते

Muzaffarnagar Lok Sabha Chunav Result 2024: मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग हुई थी. जिसके बाद अब रिजल्ट का इंतजार खत्म हो चुका है. ..इस लोकसभा सीट से बीजेपी के संजीव बालियान हरेंद्र मलिक से हार गए हैं.

Muzaffarnagar Election Result 2024

Muzaffarnagar Lok Sabha Election Result 2024 LIVE: मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर सपा के हरेंद्र सिंह मलिक ने बीजेपी के संजीव बालियान को 13316 वोटों से हरा दिया. पहले चरण में 19 अप्रैल को वोट डाले गए. इस बार यहां  57.42 फीसदी वोटिंग हुई है जबकि इससे पहले 2019 चुनाव में यहां पर 68.24 फीसदी मतदान हुआ था. बीजेपी ने यहां से संजीव बालियान, सपा ने हरेंद्र सिंह मलिक और बसपा ने दारा सिंह प्रजापति को उतारा था. 

2019 लोकसभा चुनाव के परिणाम ( Hardoi Lok Sabha Election Result 2019)
विजेता- संजीव बालियान (बीजेपी)
कुल वोट मिले -5,73,780
निकटतम प्रतिद्वंदी - अजीत सिंह (रालोद)
कुल वोट मिले-567254

2014 लोकसभा चुनाव के परिणाम ( Hardoi Lok Sabha Chunav Result 2014)
विजेता- संजीव बालियान (बीजेपी)
कुल वोट मिले 653391

निकटतम प्रतिद्वंदी - कादिर राणा (बसपा)
कुल वोट-252241

बीते लोकसभा चुनाव के परिणाम
2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी के डॉक्टर संजीव बालियान के सामने राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे स्वर्गीय अजीत सिंह थे. इस चुनाव में भी संजीव बालियान ने जीत हासिल करते हुए स्वर्गीय अजीत सिंह को 6,526 वोट से हराया था. लोकसभा 2014 में उत्तर प्रदेश में चली भारतीय जनता पार्टी की लहर का असर मुजफ्फरनगर में जीती थी.

विधानसभा में किसका कब्जा
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 5 विधानसभाएं आती हैं. इनमें बुढ़ाना,  मुजफ्फरनगर,चरथावल, खतौली, सरधना सीट हैं. ये पांचों ही सीटें BJP के खाते में हैं.

जातीय समीकरण
मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र के में जाट वोटर चुनावी नतीजों पर काफी असर डालते हैं. मुजफ्फरनगर की कुल आबादी 18 लाख है.  इसमें से 6 लाख मुस्लिम हैं. दलित वर्ग की आबादी करीब 14 फीसदी हिस्सेदारी है. ये अहम वोट निभाता है. गुर्जर और ठाकुर समुदायों में से प्रत्येक के पास लगभग 10 फीसदी वोट हैं. प्रजापति, सैनी और त्यागी सहित अन्य जाति-आधारित समुदाय, निर्वाचन क्षेत्र के अंदर चुनाव के आखिरी नतीजों को प्रभावित करने के लिए अहम हैं.

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