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सियासी धुरंधर प्रवीण सिंह ऐरन क्या बरेली में मारेंगे बाजी, सुप्रीम कोर्ट की वकालत से सियासत में 40 साल लंबा सफर

समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवारों की 3 लिस्टें जारी कर दी हैं. तीसरी सूची में बरेली लोकसभा सीट भी शामिल है. सपा ने यहां से प्रवीण सिंह ऐरन को प्रत्याशी बनाया है. प्रवीण सिंह  2009 लोकसभा चुनाव में इस सीट से सांसद रह चुके हैं.

सपा ने बरेली से बनाया प्रत्याशी

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सपा ने बरेली से बनाया प्रत्याशी

समाजवादी पार्टी ने लोक सभा चुनाव 2024 के लिए बरेली लोकसभा सीट पर प्रवीण सिंह ऐरन को चुनावी मैदान में उतारा है. 

 

दो बार रहे विधायक

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दो बार रहे विधायक

प्रवीण सिंह ऐरन दो बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं. इसके साथ ही दो बार मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. 

 

1989 में पहली बार बने विधायक

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1989 में पहली बार बने विधायक

प्रवीण सिंह ऐरन ने छात्रसंघ की राजनीति से शुरुआत की. जनता दल से सियासी पारी शुरू करने वाले प्रवीण सिंह ऐरन 1989 में बरेली कैंट विधानसभा सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. 

 

1993 में साइकिल की सवारी

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1993 में साइकिल की सवारी

इसके बाद वह 1993 में समाजवादी पार्टी के सिंबल पर विधानसभा चुनाव लड़े और जीत दर्ज कर विधायक बने. 

 

1995 में संभाली स्वास्थ्य राज्य मंत्री की जिम्मेदारी

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1995 में संभाली स्वास्थ्य राज्य मंत्री की जिम्मेदारी

इसके बाद 1995 में  वह मायावती सरकार में स्वास्थ्य राज्य मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली. 

 

2009 में पहली बार बने सांसद

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2009 में पहली बार बने सांसद

प्रवीण सिंह ऐरन साल 2009 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे थे. चुनाव में ऐरन ने भाजपा के संतोष गंगवार को पटखनी दी थी.

 

2019 में मिली हार

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2019 में मिली हार

प्रवीण सिंह ऐरन 2019 लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस से सिंबल पर चुनाव में उतरे. लेकिन उनको सिर्फ उनको हार का सामना करना पड़ा बल्कि वह तीसरे स्थान पर खिसक गए. बीजेपी के संतोष गंगवार जीते,जबिक सपा-बसपा गठबंधन के भगवत सरन गंगवार दूसरे नंबर पर रहे.

2009 में पहली बार बने सांसद

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2009 में पहली बार बने सांसद

प्रवीण सिंह ऐरन साल 2009 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे थे. चुनाव में ऐरन ने भाजपा के संतोष गंगवार को पटखनी दी थी.

 

2019 में मिली हार

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2019 में मिली हार

प्रवीण सिंह ऐरन 2019 लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस से सिंबल पर चुनाव में उतरे. लेकिन उनको सिर्फ उनको हार का सामना करना पड़ा बल्कि वह तीसरे स्थान पर खिसक गए. बीजेपी के संतोष गंगवार जीते,जबिक सपा-बसपा गठबंधन के भगवत सरन गंगवार दूसरे नंबर पर रहे.

 

2022 में छोड़ी कांग्रेस

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2022 में छोड़ी कांग्रेस

साल 2022 में उन्होंन कांग्रेस का हाथ भी छोड़ दिया और समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार हो गए. 

 

पत्नी भी हैं राजनीति में सक्रिय

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पत्नी भी हैं राजनीति में सक्रिय

प्रवीण सिंह ऐरन की पत्नी भी राजनीति में सक्रिय हैं. वह 2006 में कांग्रेस से चुनाव लड़कर महापौर बनी थीं. हालांकि 2022 विधानसभा चुनाव में सपा से लड़ीं सुप्रिया ऐरन को हार का सामना करना पड़ा. 

 

2024 में बीजेपी से होगा मुकाबला

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2024 में बीजेपी से होगा मुकाबला

2024 लोकसभा चुनाव में उनका सीधा मुकाबला भाजपा से माना जा रहा है. कांग्रेस सपा के साथ गठबंधन करती है तो इसका फायदा भी चुनाव में हो सकता है.