Uttar Pradesh Lok Sabha Election Results 2024: मतगणना सुबह 8 बजे प्रारंभ होने वाली है. रुझान आने शुरू होने वाले हैं.चुनाव आयोग की ओर से नियुक्त रिटर्निंग अफसर इसका निर्देश देता है. ईवीएम सभी पोलिंग एजेंटों के सामने खोली जाती है. कानपुर का रिजल्ट सबसे पहले आएगा और गाजियाबाद का सबसे आखिरी में आएगा.
सुबह पोलिंग एजेंटों और सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में स्ट्रॉंग रूम का ताला खोला जाएगा और मतगणना केंद्रों पर सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू होगी. ईवीएम सुबह 8 बजे स्ट्रांग रूम से जिलाधिकारी या जिला निर्वाचन अधिकारी की देखरेख में काउंटिंग सेंटर के हॉल तक लाई जाएगी.पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान वहां मौजूद रहेंगे.
हर मतगणना केंद्र के काउंटिंग हॉल में लोकसभा चुनाव के लिए 14 टेबल लगती हैं.अगर उम्मीदवारों की संख्या 12-14 से ज्यादा है और वहां की आबादी के हिसाब से ज्यादा मतदान है तो टेबल की संख्या बढ़ाई भी जा सकती हैं.
मतगणना सुबह 8 बजे प्रारंभ हो जाएगी. चुनाव आयोग की ओर से नियुक्त रिटर्निंग अफसर इसका निर्देश देता है. पहले पोस्टल बैलेट गिने जाते हैं. फिर ईवीएम के वोटों की गिनती होती है. सबसे पहले राउंड में पोस्टल बैलट और उनकी गिनती सभी पोलिंग एजेंटों को बताने के साथ स्क्रीन पर भी दिखती है.
ईवीएम सभी पोलिंग एजेंटों के सामने खोली जाती है. सभी दलों के काउटिंग एजेंटों के सामने मतगणना शुरू होती है, हालांकि एजेंट टेबल से दूर से लगी जाली से पूरा प्रोसेसे देख पाते हैं. EVM पर वोटों को गिनकर इन पोलिंग एजेंटों को आंकड़े बताए जाते हैं.
रिटर्निंग अफसर पहले दूसरे और अन्य राउंड में सभी दलों को मिले वोटों का ये आंकड़ा एजेंटों को बताता है. इसमें आगे चल रहे, दूसरे स्थान पर से लेकर सभी उम्मीदवारों को मिले मतों की जानकारी दी जाती है. नोटा की भी जानकारी सार्वजनिक की जाती है.
हर राउंड की गिनती पूरी होने में करीब 20 से 30 मिनट का टाइम लगता है. सभी राउंड पूरे हो जाने के बाद जीत हा
काउंटिग के लिए चुनाव आयोग राउंडवार वोटों की गिनती का इंतजाम कराता है. एक राउंड की गिनती में 14 टेबल पर 14 EVM मशीनें खोली जाती हैं. वोटों की गिनती के लिए इसमें बटन होता है, जिसे दबाते ही नंबर आ जाते हैं कि किसे कितने वोट मिले. जब पहले राउंड में ईवीएम गिनती पूरी होती है तो एजेंटों को नंबर बताकर दूसरा राउंड शुरू होता है.
जिन लोकसभा सीटों पर ज्यादा पोलिंग बूथ होते हैं, वहां ज्यादा राउंड में काउंटिग करानी पड़ती है. 16 से ज्यादा कैंडीडेट को लेकर भी डबल EVM साथ में वोटिंग के लिए रखी जाती है. ऐसे में वहां भी टाइम लगता है. इस बार घोसी सीट पर सबसे ज्यादा 28 प्रत्याशी हैं.
काउटिंग आठ से 16 राउंड तक हो सकती है, लेकिन पोस्टल बैलेट और फिर शुरुआती चक्रों के बाद रुझान तय हो जाता है. 10 राउंड तक साफ तस्वीर आ जाती है कि कौन जीत रहा है. हालांकि वोटों का अंतर कम होने पर उलझन बनी रहती है.
जब EVM से वोटों की गिनती पूरी हो जाती है फिर वीवीपैट पर्ची से वोटों का मिलान किया जाता है. EVM से मिले मतों में गड़बड़ी के संदेह को दूर करने के लिए वीवीपैट पर्चियों का मिलान 10 फीसदी मामलों में किया जाता है.
ईवीएम के साथ जुड़ी वीवीपैट में किसी भी पार्टी को मिले वोट की पर्ची होती है. यह वोटिंग के समय भी वोटर को 7 सेकेंड तक दिखती है. इसे मशीन में रिकॉर्ड किया जाता है. वीवीपैट और ईवीएम के वोटों के सत्यापन के लिए काउंटिंग हॉल में अलग से टेबल होती है. इन पर्चियों का मिलान ईवीएम में दर्ज वोटों होता है.
काउंटिग की प्रक्रिया पूरी होने और एजेंटों की आपत्तियों का निस्तारण आखिर में किया जाता है. उसके बाद चुनाव आयोग अमुक दल के प्रत्याशी को प्रमाण पत्र देता है. यह प्रमाणपत्र जिला निर्वाचन अधिकारी देता है.