Shahjahanpur Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा का चुनाव करीब है, जीत को लेकर राजनीतिक दलों ने बिसात बिछाना शुरू कर दी है. राजनीतिक नजरिए से उत्तर प्रदेश का शाहजहांपुर जिला बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. यहां से तीन बड़े नेता उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं. सुरेश कुमार खन्ना वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री, जितिन प्रसाद पीडब्ल्यूडी मंत्री और जेपीएस राठौर के पास सहकारिता की जिम्मेदारी है. शाहजहांपुर में सभी 6 विधानसभाओं पर बीजेपी का कब्जा है, सभी ब्लॉक प्रमुख भाजपा के हैं, जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा के हैं, लोकसभा सांसद भाजपा के और राज्यसभा सांसद भी बीजेपी से हैं. ऐसे में एक बार फिर भाजपा लोकसभा सीट पर बड़ी जीत का दावा कर रही है. 


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2024 लोकसभा चुनाव में कौन प्रत्याशी ( shahjahanpur Sabha Chunav 2024 Candidate)
बीजेपी -  अरुण सागर 
सपा-कांग्रेस गठबंधन - राजेश कश्यप
बसपा - दोदराम वर्मा 


शहीदों की नगरी से जाना जाता है शाहजहांपुर
शाहजहांपुर को शहीदों की नगरी कहा जाता है. यहां पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह और अशफाक उल्ला खान ने देश की आजादी के लिए अपनी कुर्बानी दी थी, लेकिन शहीदों की नगरी के साथ साथ अब यह जिला राजनीति के बड़े अखाड़े के रूप में भी जाना जाता है. देश की आजादी के बाद से अब तक यहां लोकसभा के 17 बार चुनाव हो चुके हैं. यहां 1952 में लोकसभा की 2 सीटे हुआ करती थीं. 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में दोनों सीटों पर कांग्रेस से गणेश लाल और दूसरी सीट से रामेश्वर नेवटिया ने चुनाव जीता था. 


1957 में भी दो सीट पर लोकसभा का चुनाव हुआ और तब एक सीट से कांग्रेस के नारायणदीन दिन और दूसरी सीट से सेठ विशन चंद्र ने चुनाव जीता. वहीं 1962 में शाहजहांपुर को एक ही लोकसभा सीट बनाया गया.  उस समय कांग्रेस से लाखन दास जीते. 1967 में कांग्रेस से पीके खन्ना, 1971 में जितेंद्र प्रसाद, 1977 में जनता पार्टी से सुरेंद्र विक्रम, 1980, 1984 में कांग्रेस से जितेंद्र प्रसाद जीते. 


1989 और 1991 में यहां भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर सत्यपाल सिंह यादव ने परचम लहराया.  1996 राममूर्ति सिंह वर्मा कांग्रेस से सांसद बने. कांग्रेस पार्टी से 1999 जितेंद्र प्रसाद चुनाव जीते थे. 2001 जितेंद्र प्रसाद के निधन‌ के बाद शाहजहांपुर लोक सभा सीट पर उपचुनाव हुआ था, 2002 में कांग्रेस ने कांता प्रसाद को प्रत्याशी बनाया. सपा ने जब कांग्रेस ने राममूर्ति सिंह वर्मा को उनके किलाफ चुनाव मैदान में उतारा. चुनाव में राममूर्ति सिंह वर्मा जीत गए थे.


2019 में बीजेपी के अरुण कुमार सागर बने सांसद
2004 में जितिन प्रसाद ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीते. इसके बाद 2009 में सपा ने मिथलेश कुमार को प्रत्याशी बनाकर घोषित किया. मिथलेश कुमार चुनाव जीते. 2014  में भाजपा से कृष्णा राज ने जीत हासिल की और 2019 मे भाजपा से अरूण कुमार सागर ने बीएसपी के अमर चंद्र जौहर को हराकर जीत हासिल की थी. 


शाहजहांपुर सीट के सियासी समीकरण
इस सीट पर कुल मतदाता करीब 23 लाख 22 हैं, इनमें से  12.46 लाख मतदाता पुरुष और महिला वोटरों की संख्या करीब 10.75 लाख है. जातीय समीकरण की बात करें तो  1.75 लाख वैश्य,  2.25 लाख ठाकुर, 2 लाख ब्राह्मण, 2.50 लाख मुस्लिम, 2.25 लाख यादव, 2 लाख जाटव, 2 लाख पासी, 1.25 लाख किसान, 1 लाख तेली, 50 हजार कायस्थ, 40 हजार कोरी, 75 हजार कश्यप, 75 हजार धोबी, 35 हजार धानुक, 50 हजार बाल्मिकी, 30 हजार भुर्जी, 30 हजार कुम्हार,, 10 हजार स्वर्णकार,, 50 हजार सिक्ख,, 70 हजार गडरिया और केवट मल्लाह के अनुमानित वोटर 10 हजार के आसपास हैं. यहां मुस्लिम, ठाकुर, अनुसूचित जाति, लोध और यादव जाति के मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करते हैं. 


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सपा से सीधी टक्कर 
शाहजहांपुर लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सीधी टक्कर समाजवादी पार्टी से होगी, क्योंकि जिले के सभी राजनीतिक पदों पर भारतीय जनता पार्टी का ही कब्जा है. अगर समाजवादी पार्टी का कांग्रेस के साथ गठबंधन होता है तो कांग्रेस यह सीट समाजवादी पार्टी को दे सकती है. यहां समाजवादी पार्टी से उपेंद्र पाल सिंह, राजेश कश्यप और कमल किशोर कठेरिया अपनी-अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं. 


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