Swami Prasad Maurya on Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या में रामलला तो विराजमान हो गए. 500 बर्षों का इंतजार और संघर्ष दोनों खत्म हो गए पर क्या राम के नाम की राजनीति खत्म हो गई. दरअसल समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का एक और नया बयान सामने आया है. नेता जी आज स्थानीय समाज वादी पार्टी द्वारा आयोजित कर्पूरी ठाकुर शताब्दी समारोह में गाजीपुर पहुंचे थे. जहां उन्होंने मंच से संबोधित करते हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर सवालिया निशान उठाते हुए उसे भाजपा का कार्यक्रम बता दिया. उन्होंने मंच से कहा कि एक टीवी डिबेट में एक संत कह रहे थे भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां पत्थर में प्राण प्रतिष्ठा होती है तो सपा के प्रवक्ता ने कहा अपने परिवार में मरने वालों लोगों में भी प्राण प्रतिष्ठा कर दो हमेशा जीवित रहेंगे. यदि प्राण प्रतिष्ठा करने से पत्थर सजीव हो जाता है तो मुर्दा क्यों नहीं चल सकता.


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ये सब ढोंग है पाखंड है


ये सब ढोंग है पाखंड है. पत्रकारों से बातचीत में अयोध्या जाकर दर्शन करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अब तो कोई भी कभी भी जा सकता है. कल जो कार्यक्रम हुआ वो भाजपा का निजी कार्यक्रम था. इसीलिए सभी राजनीतिक दलों ने उससे दूरी बना रखी थी. पत्थर में प्राण प्रतिष्ठा वाले बयान पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि जो भगवान के रूप में स्थापित है जो सबका भला करता है, कल्याण करता है, उसके अंदर हम कौन हैं प्राण प्रतिष्ठा करने वाले. कल का कार्यक्रम भाजपा का राजनीतिक ड्रामा था, और कुछ नहीं था अगर वो धार्मिक अनुष्ठान होता तो चारों शंकराचार्य में से कोई एक शंकराचार्य उपस्थित होते. भाजपा, विहिप और आरएसएस के अलावा अन्य राजनीतिक दल के लोग भी होते. 


भाजपा का निजी कार्यक्रम


इसलिए वो निहायत रूप से भाजपा का निजी कार्यक्रम था. ये कार्यक्रम केवल मोदी जी के लिए आयोजित किया गया था, भगवान रामलला के लिए नहीं किया गया था. भगवान राम तो हजारों साल से वहां पूजे जा रहें हैं तो प्राण प्रतिष्ठा का औचित्य ही क्या है. मूर्ति और मंदिर की सुंदरता के सवाल पर स्वामी प्रसाद ने कहा कि अभी तो मंदिर अधूरा है और इसी पर शंकराचार्यों का विरोध भी था. इंडिया गठबंधन में मायावती की ना और सपा मुखिया पर टिप्पणी के सवाल पर उन्होंने कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पहले भी उनका सम्मान किया और आज भी करते हैं.


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