कन्फ्यूजन या रणनीति?, अखिलेश ने 11 लोकसभा सीटों पर तीन से चार बार तक क्यों बदले प्रत्याशी
Lok Sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी इस लोकसभा चुनाव में अभी तक कई सीटों पर अपना उम्मीदवार बदल चुकी है. कुछ सीटों पर तो चार बार प्रत्याशी बदले गए हैं. हो सकता है आने वाले दिनों में फिर यही बदलाव पार्टी में देखने को मिले.
Lok Sabha Election 2024: इस लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के अंदर बड़ी हलचल देखी जा रही है. सपा में किस प्रत्याशी का टिकट कब कट जाए और फिर मिल जाए, इस बात की गारंटी कोई नहीं ले सकता है. मुरादाबाद, रामपुर और मेरठ में तो सबने देखा कि उम्मीदवार को लेकर सपा कितनी कंफ्यूज है. ऐसे ही बदायूं में भी किस तरह सैफई परिवार के ही दो प्रत्याशियों को बदला गया. अब सपा पार्टी ने जिस सीट पर दो दिन पहले ही प्रत्याशी की घोषणा की थी, उसका भी टिकट कट गया क्योंकि सपा मुखिया अखिलेश यादव इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
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सपा कई सीटों पर बदल चुकी है अपना उम्मीदवार
समाजवादी पार्टी अभी तक कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों को बदल चुकी हैं. राजनीति के जानकारों के कहना है कि अखिलेश किसी भी सीट पर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. जिस प्रत्याशी को लेकर स्थानीय संगठन में जरा भी विरोध होता है तो वो प्रत्याशी बदल देते हैं. या कह सकते हैं कि उनको लगता है कि उम्मीदवार वहां के जातीय समीकरण में फिट नहीं बैठ रहा है. इस आधार पर भी टिकट काट दिया जा रहा है.
सपा का कन्फ्यूजन
कन्नौज से पहले तेजप्रताप अब अखिलेश
कन्नौज में पहले तेज प्रताप का नाम घोषित किया गया और अब अखिलेश खुद वहां से चुनाव लड़ रहे हैं.
गौतम बुद्ध नगर-टिकट काटने के बाद फिर मौका
गौतम बुद्ध नगर से सपा ने पहले डॉक्टर महेंद्र नगर को टिकट दिया था. फिर इसके बाद में राहुल अवाना को टिकट दिया गया. तीसरी बार सपा ने फिर से डॉक्टर नगर को ही टिकट दिया
मुरादाबाद-दो बार बदला कैंडीडेट
मुरादाबाद में पहले एसटी हसन को उम्मीदवार घोषित किया गया था. नामांकन के बाद उनका टिकट काट दिया गया था और रुचि वीरा को टिकट दिया. मुरादाबाद में एसटी हसन ने इस पर खूब हो हल्ला किया था.
मेरठ में 2 बार बदला उम्मीदवार
मेरठ से पहले भानु प्रताप सिंह को टिकट दिया गया था फिर उनकी जगह अतुल प्रधान को टिकट दिया. आखिर में अतुल का टिकट काट गया और पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा को उम्मीदवार घोषित कर दिया.
बदायूं सीट पहले धर्मेंद्र फिर शिवपाल, अब आदित्य उम्मीदवार
इसी तरह बदायूं सीट से पहले धर्मेंद्र यादव फिर शिवपाल सिंह यादव और अब उनके बेटे आदित्य यादव को प्रत्याशी बना दिया गया है.
मिश्रिख सीट पर 3 बार बदले गए प्रत्याशी
मिश्रिख सीट पर तो पहले रामपाल राजवंशी फिर उनके बेटे मनोज राजवंशी और बाद में मनोज की पत्नी संगीता राजवंशी को टिकट दिया गया. अब सपा ने यहां पूर्व सांसद रामशंकर भार्गव को उम्मीदवार घोषित कर दिया है.
बिजनौर में भी बदला उम्मीदवार
समाजवादी पार्टी ने बिजनौर में पहले यशवीर सिंह को टिकट दिया और बाद में दीपक सैनी को मैदान में उतारा.
संभल में बदला कैंडीडेट
सपा ने संभल में सांसद शफीकुर्रहमान के निधन के बाद उनके पौत्र को टिकट देना पड़ा.
सुल्तानपुर में भी बदला प्रत्याशी
समाजवादी पार्टी ने सुल्तानपुर में पहले भीम निषाद को टिकट दिया फिर बाद में राम भुवाल निषाद को टिकट दे दिया.
बागपत में पहले मनोज चौधरी फिर अमरपाल शर्मा
सपा ने पहले बागपत में मनोज चौधरी को टिकट दिया और बाद में उनका टिकट काटकर अमरपाल शर्मा को प्रत्याशी बना दिया गया
रामपुर में यही स्थिति
मुरादाबाद की तरह ही प्रत्याशी को लेकर सपा की स्थिति रामपुर में थी. अखिलेश ने यहां से दिल्ली की पार्लियामेंट स्ट्रीट जामा मस्जिद के इमाम मौलाना मुहिबुल्लाह नदवी को अपना प्रत्याशी घोषित किया. इससे पहले आजम खान के करीबी और लोकसभा उपचुनाव में प्रत्याशी रहे आसिम रजा ने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया था.
कानपुर नगर सीट के बाद अकबरपुर सीट-मिलते हुए नाम
कानपुर नगर सीट के बाद अब अकबरपुर सीट से भी विपक्ष के उम्मीदवारों के मिलते हुए नाम के निर्दलीय उम्मीदवार उतारे गए हैं. कानपुर अकबरपुर लोकसभा सीट पर राजाराम नाम के निर्दलीय प्रत्याशी ने पर्चा दाखिल किया है. यहां से गठबंधन के सपा प्रत्याशी हैं राजाराम पाल.