Lucknow Lok Sabha: यूपी की वो लोकसभा सीट जहां अटल को दो बार करना पड़ा हार का सामना
Loksabha Election 2024: देश में आजादी के बाद दूसरे आम चुनाव में अस्तित्व में आई लखनऊ लोकसभा सीट को कभी कांग्रेस की गढ़ कहा जाता था. कभी भाजपा के अटल बिहारी वायपेयी को भी हार का मुंह दिखाने वाली इस सीट पर पिछले कई सालों से बीजेपी का कब्जा है. आगे जानें इस सीट का इतिहास और चुनाव के समीकरण?....
Lucknow Lok Sabha chunav 2024: देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है लखनऊ. उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं. यूपी की राजधानी होने के कारण लखनऊ सबसे अहम सीटों में से एक है. इस सीट पर पंडित जवाहर लाल नेहरू की बहन विजया लक्ष्मी पंडित से लेकर यूपी के पूर्व सीएम हेमवती नंदन बहुगुणा, पूर्व पीएम अटल बिहार बाजपेयी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सांसद की चुनाव लड़ चुके हैं.
विस्तार से-
यूपी देश में अकेले सबसे ज्यादा 80 सांसद भेजता है. उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर लोकसभा का चुनाव बड़ा दिलचस्प होते हैं. इनमें से सबसे अहम है लखनऊ लोकसभा सीट. बीते कई चुनावों से यह देश की सबसे चर्चित सीटों में शामिल रही है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लगातार 5 बार यहां से सांसद रहे. 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राजनाथ सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था. भाजपा ने एक बार फिर राजनाथ सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं, सपा ने रविदास मेहरोत्रा को अपना प्रत्याशी है.
कांग्रेस का रहा गढ़
आजादी के बाद से लखनऊ लोकसभा सीट पर 15 साल तक कांग्रेस कब्जा रहा है. साल 1952 में हुए आम चुनाव में देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू की बहन विजया लक्ष्मी पंडित ने इस सीट से जीत हासिल की. 1953 में विजय लक्ष्मी पंडित के इस्तीफा देने के बाद लखनऊ जिला मध्य सीट पर उप चुनाव हुए थे. 1954 में हुए इस उप-चुनाव में नेहरू परिवार से संबंध रखने वालीं श्योराजवती नेहरू जीतीं थीं. श्योराजवती की शादी डॉक्टर किशन लाल नेहरू से हुई थी. इसके बाद 10 साल तक कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार जीते. फिर निर्दलीय और जनता पार्टी ने सीट पर जीत हासिल की.
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अटल बिहारी को मिली हार
साल 1957 भारतीय जनसंघ की टिकट पर अटल बिहारी वाजपेयी उतरे तो कांग्रेस ने पुलिन बिहारी बनर्जी को उम्मीदवार बनाया. अटल बिहारी वाजपेयी को 12,485 वोटों से हार का सामना करना पड़ा. 1962 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने लखनऊ सीट पर हासिल की. यहां एक बार फिर जन संघ के नेता अटल बिहारी वाजपेयी को हार का सामना करना पड़ा. इस बार कांग्रेस के बीके धवन ने अटल को 30,017 वोट से हराया. कांग्रेस ने इस सीट पर आखिरी बार जीत 1984 में दर्ज की थी. कांग्रेस नेता शीला कौल ने 1980 और 1980 का चुनाव इस सीट से जीता. उसके बाद से लखनऊ की जनता कांग्रेस को कभी भी जीत का स्वाद नहीं चखाया.
राममंदिर आंदोलन के बाद खुले द्वार
80 और 90 के दशक में चले राम मंदिर आंदोलन का असर इस सीट पर दिखा और 1991 को लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अटल बिहारी वाजपेयी को अपना उम्मीदवार बनाया. 29 साल बाद अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ की सियासत वापस कदम रख रहे थे. अपनी पिछली दो हार का बदला लेते हुए अटल ने इस बार जीत हासिल कर ली. इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार रंजीत सिंह 1,17,303 वोटों के बड़े अंतर से हराया था. इसके बाद उन्होंने लगातार 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 के चुनाव जीते. उनके बीमार होने के बाद बीजेपी नेता लाल जी टंडन ने 2009 का चुनाव जीता. उसके बाद वर्ष 2014 से बीजेपी नेता राजनाथ सिंह लगातार इस सीट से सांसद बने हुए हैं.
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राजनाथ ने संभाली अटल की विरासत
साल 2014 में उत्तर प्रदेश की लखनऊ लोकसभा सीट से बीजेपी ने राजनाथ सिंह को मैदान में उतारा. सपा की तरफ से उतरीं रीता बहुगुणा जोशी ने इस लोकसभा चुनाव में दावेदारी पेश की. बीजेपी को 2014 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 में से 71 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी. इन 71 सीटों में से एक सीट लखनऊ भी थी. राजनाथ सिंह ने सपा की तरफ से मैदान में उतरीं रीता बहुगुणा जोशी को 2,72,749 वोट के बड़े अंतर से परास्त किया.
लोकसभा चुनाव 2024
भाजपा ने एक बार फिर से केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं सपा ने रविदास मेहरोत्रा को चुनावी जंग में उतारा है. जबकि बसपा उम्मीदवार के उतरने का इंतजार है. इस बार बीजेपी-आरएलडी और अपना दल का गठबंधन है. जबकि दूसरा गठबंधन कांग्रेस और सपा के बीच में हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार मेहरोत्रा और राजनाथ सिंह के बीच ही टक्कर देखने को मिलेगी.
लखनऊ में लोकसभा सीट में शामिल विधानसभा सीटें
विधानसभा | विधायक | दल |
---|---|---|
लखनऊ पश्चिम | अरमान खान | समाजवादी पार्टी |
लखनऊ उत्तर | नीरज बोरा | भारतीय जनता पार्टी |
लखनऊ पूर्व | आशुतोष टंडन | भारतीय जनता पार्टी |
लखनऊ सेंट्रल | रविदास मेहरोत्रा | समाजवादी पार्टी |
लखनऊ कैंट | ब्रजेश पाठक | भारतीय जनता पार्टी |
लखनऊ लोकसभा सीट का इतिहास
वर्ष | सदस्य | दल |
---|---|---|
1952 | विजया लक्ष्मी पंडित | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1955 | श्योराजवती नेहरू | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1957 | पुलिन बिहारी बनर्जी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1962 | बीके धावन | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1967 | आनंद नारायण मुल्ला | स्वतंत्र |
1971 | शीला कौल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1977 | हेमवती नंदन बहुगुणा | जनता पार्टी |
1980 | शीला कौल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1984 | शीला कौल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1989 | मांधाता सिंह | जनता दल |
1991 | अटल बिहारी वाजपेयी | भारतीय जनता पार्टी |
1996 | अटल बिहारी वाजपेयी | भारतीय जनता पार्टी |
1998 | अटल बिहारी वाजपेयी | भारतीय जनता पार्टी |
1999 | अटल बिहारी वाजपेयी | भारतीय जनता पार्टी |
2004 | अटल बिहारी वाजपेयी | भारतीय जनता पार्टी |
2009 | लाल जी टंडन | भारतीय जनता पार्टी |
2014 | राजनाथ सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
2019 | राजनाथ सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
लखनऊ लोकसभा चुनाव 2024
पार्टी | उम्मीदवार | मिले वोट | रिजल्ट |
---|---|---|---|
बीजेपी | राजनाथ सिंह | ||
सपा | रविदास मेहरोत्रा | ||
बसपा | |||
अन्य |