उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कई जगहों के नाम शारीरिक विकलांगता पर हैं.
Trending Photos
लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2015 के 'मन की बात' कार्यक्रम में विकलांग को दिव्यांग शब्द से बदलने का सुझाव दिया था. इसके बाद से ही यह यह शब्द चलन में आ गया. इन सबके बीच अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया ने शहर की कुछ जगहों के नाम बदलने का निर्णय लिया है. दरअसल, इन जगहों के नाम शारीरिक विकलांगता पर हैं. इनमें से कुछ 'लंगड़ा फाटक' और 'अंधे की चौकी' जैसे नाम हैं. बताया जा रहा है कि कई सालों पहले से यह नाम चले आ रहे हैं.
लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया ने इस मामले पर कहा कि हमारी जानकारी में आया है कि शहर की कुछ जगहों के नाम दिव्यांगता के नाम पर हैं. यह गलत है. उन्होंने कहा कि हमने निर्णय लिया है कि इन नामों को जल्द बदला जाएगा. उन्होंने कहा कि पहले इस तरह के नाम प्रयोग में लाए जाते थे, लेकिन उन्होंने इसके लिए दिव्यांग शब्द सुझाया था. बता दें कि लखनऊ में 'लंगड़ा फाटक' और 'अंधे की चौकी' जैसे नाम के कुझ स्थान हैं. वहीं, ऐसे ही मिलते-जुलते नामों की कई स्थान लखनऊ में मौजूद हैं.
पूरे विश्व में हर वर्ष 3 दिसंबर को विश्व विकलांग दिवस मनाया जाता है. इसकी शुरुआत 1992 में हुई थी. 2001 की जनगणना के अनुसार, भारत में 2.1 करोड़ से ज्यादा दिव्यांग थे. इनमें 1.26 करोड़ पुरुष और 93 लाख महिलाएं थीं. बता दें कि सबसे पहले अमेरिका की डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी ने शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए हैंडिकैप की जगह डिफरेंटली एबल्ड शब्द के प्रयोग की बात कही थी. इसके बाद पीएम मोदी ने वर्ष 2015 में विकलांग शब्द की जगह दिव्यांग शब्द का प्रयोग करने का सुझाव दिया था.