लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक और कोशिश रंग लाई है. केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद यूपी के कानपुर में देश का पहला मेगा लेदर पार्क बनने जा रहा है. ये प्रोजेक्ट कानपुर के रमईपुर गांव में लगेगा. केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद 5850 करोड़ की लागत से ये लेदर पार्क बनेगा, जिससे 2 लाख लोगों को रोजगार मिल सकेगा. उम्मीद है कि जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेगा लेदर पार्क की आधारशिला रखेंगे. 


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'लेदर सिटी' कहा जाता है कानपुर
गंगा के किनारे बसा औद्योगिक शहर कानपुर देश के प्रमुख शहरों में शुमार है. इसे 'लेदर सिटी' के नाम से भी जाना जाता रहा है. एक दौर में कपड़ा उद्योग के चलते कानपुर को 'पूरब का मैनचेस्टर' भी कहा जाता था. लेकिन समय बीतने के साथ-साथ पूर्व सरकारों की उपेक्षा के चलते ये शहर अपनी पहचान खोता चला गया. अब कानपुर का जिक्र सिर्फ गंगा किनारे बसे सबसे प्रदूषित शहरों में किया जाने लगा. 


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235 एकड़ में बनेगा लेदर पार्क
कानपुर के रमईपुर गांव की  235 एकड़ जमीन में बनने वाले मेगा लेदर क्लस्टर प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले मेगा लेदर पार्क में पचास हजार लोगों को नौकरी मिलेगी.  इसमें 5850 करोड़ रुपये का निवेश होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को केंद्र के वाणिज्य मंत्रालय की सहमति मिल गई है. मेगा लेदर क्लस्टर डेवलपमेंट यूपी लिमिटेड कंपनी वहां विकास का कार्य शुरू करेगी. ऐसे में यहां विकास के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा. चमड़े संबधी सारी इकाइयों के एक जगह होने से इन इकाइयों से गंगा में होने वाला प्रदूषण का बड़ा मुद्दा भी नहीं रहेगा.


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लेदर पार्क में होंगी सारी सुविधाएं 
एमएसएमई विभाग के जरिये केंद्र सरकार के वाणिज्य मंत्रालय को मंजूरी के लिए मेगा लेदर क्लस्टर प्रोजेक्ट भेजा गया था, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी. लेदर पार्क सभी तरह की सुविधाओं से लैस होगा. इसमें लेदर प्रोडक्ट के उत्पादन से लेकर उत्पादों के प्रदर्शन की व्यवस्था होगी. लेदर पार्क में उत्पादों को खरीदने के लिए आने वाले दुनिया भर के निवेशकों के रुकने और खाने-पीने की व्यवस्था भी होगी. पार्क में कैंटीन से लेकर रेस्ट हाउस तक बनेंगे. चमड़े के उत्पाद बनाने के चलते गंगा नदी में प्रदूषण ना हो, इसके लिए ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया जाएगा. पार्क में साफ सफाई का विशेष प्रबंध भी रहेगा.


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