Free Electricity in UP: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के द्वारा किसानों के पक्ष में कई अहम फैसले लिए गए. किसानों को मुफ्त बिजली मुहैया कराने के  फैसले के बाद सरकार की ओर से एक और अहम फैसला लिया गया है. दरअसल, सरकार ने अब कृषि फीडरों को पूर्ण रूप से सोलर पावर प्लांटों पर ले जाने का निर्णय लिया है. इसके अंतर्गत हर एक विद्युत सब स्टेशनों के करीब ही सोलर पावर प्लांट स्थापित करने की योजना है. ये बिजली सब स्टेशन से डायरेक्ट कृषि फीडर पर भेज दी जाएंगी. इस फैसले के बाद होगा ये कि किसानों को बिजली देने के लिए पावर कारपोरेशन प्रबंधन को महंगी तापीय बिजली का प्रबंध करने पर अधिक जद्दोजहद नहीं करनी होगी. 


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150 मेगावाट क्षमता की 98 सोलर पावर प्लांट
यूपीनेडा यानी उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण ने संबंध में बनाई गई योजना को लेकर काम करना शुरू भी कर दिया है. इसके लिए पहले स्टेप में 150 मेगावाट क्षमता की सोलर पावर प्लांट को लगाने का एक टेंडर निकाला गया जिसमें 98 विद्युत सब स्टेशनों को इस योजना के अतर्गत रखा गया है. इन सब स्टेशनों के करीब ही एक से दो मेगावाट क्षमता वाले सोलर पावर प्लांट को बनाया जाएगा. टेंडर की प्रक्रिया जब पूर्ण हो जाएगी तो फिर उसके बाद इन प्लांटों को बनाया जाएगा और इसके लिए दो माह के भीतर ही काम शुरू करने की तैयारी की जा रही है. प्रदेश में करीब 4600 बिजली वितरण सब स्टेशन स्थित हैं.  


इन प्लांटों से बनने बिजली की खरीददारी 
यूपीनेडा के प्रबंध निदेशक अनुपम शुक्ला की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक बिजली की सप्लाई कृषि फीडरों को सोलर पावर प्लांट से देने की योजना कुसुम-सी-टू योजना के अंतर्गत ही हो रहा है. जिसके तहत प्राइवेट डेवलपर्स सोलर पावर प्लांट को लगाया जाएगा. जिनसे पैदा हुई बिजली डेवलपर्स यूपी पावर कारपोरेशन को बेची देंगे. जिसकी दर टेंडर में करीब 2.99 रुपये प्रति यूनिट से होगी. प्रबंध निदेशक के हिसाब से बिजली सब स्टेशनों से कृषि फीडर को अलग कर डायरेक्ट सोलर लाइन से संबद्ध कर दिया जाएगा. बिजली केवल कृषि फीडरों को ही देने की योजना है.