यूपी की सड़कों पर `बाहु बल्ली` बचाएगा जान, दुर्घटना होने पर मौत के मुंह में जाने से रोक लेगा
Bamboo Crash Barrier in Lucknow: प्रदेश में पहली बार इस बंबू क्रैश बैरियर का इस्तेमाल किया गया है. शहीद पथ पर जहां इसे लगाया गया है, वहां आए दिन हादसे होते रहते हैं.
लखनऊ: सड़क हादसों में जान बचाने के लिए लखनऊ के शहीद पद पर बांस के बने क्रैश बैरियर-बाहुबल्ली का प्रयोग में भी शुरू हो गया है. इसे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की ओर से लगवाया जा रहा है. फिलहाल समिट बिल्डिंग के सामने शहीद पथ पर पांच सौ मीटर के दायरे में इस क्रैश बरियर को लगाया जा रहा है. यह काफी मजबूत और स्टील के बैरियर का अच्छा विकल्प है. दुर्घटना होने पर यह शॉक एब्जॉर्ब कर लेगा, जिससे वाहन की गति कम हो जाएगी. वहीं वाहन सड़क के नीचे खाई अथवा गड्ढे में नहीं जा सकेंगे.
स्पेशल बांस से तैयार होता है ‘बाहु-बल्ली’
प्रदेश में पहली बार इस बंबू क्रैश बैरियर का इस्तेमाल किया गया है. शहीद पथ पर जहां इसे लगाया गया है, वहां आए दिन हादसे होते रहते हैं. बैरियर लगवा रहे एनएचएआई के सुपरवाइजर कपिल साहू ने बताया कि इस बैरियर को खास तरह के बांस से बनाया जाता है. इसमें बम्बुसा बालकोआ (Bambusa Balcoa) प्रजाति के बांस का इस्तेमाल किया जाता है. इसके बाद इसे क्रिओसेट तेल से ट्रीट किया जाता है, जो इसे कीड़ों से सुरक्षित रखने का काम करता है. इसके बाद इस पर हाई-डेंसिटी पॉली एथिलीन (HDPE) की एक परत चढ़ाई जाती है. उन्होंने बताया कि अगर कोई भी गाड़ी तेज रफ्तार से इस बैरियर से टकराती है तो वह सड़क के नीचे नहीं जाएगी. जबकि लोहे के बैरियर में कोई गाड़ी टकराती है तो गाड़ी को काफी नुकसान होता था. कई बार उसमें आग भी लग जाती थी.
हर पैमाने पर खरा उतरा
बांस बैरियर का रीसाइक्लिंग मूल्य 50-70 प्रतिशत है, जबकि स्टील बैरियर का 30-50 प्रतिशत है. बांस के इस क्रैश बैरियर का इंदौर के पीतमपुर में नेशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स (एनएटीआरएएक्स) जैसे विभिन्न सरकारी संस्थानों में कठोर परीक्षण किया गया है. रुड़की स्थित सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) ने इसकी फायर रेटिंग टेस्टिंग की है. इसमें इसे Class-1 रेटिंग मिली है. इसके अलावा इंडियन रोड कांग्रेस ने भी इस क्रैश बैरियर को कई पैमानों पर खरा पाया है और अब इसे मान्यता दे दी है.
महाराष्ट्र में हुआ था विश्व के पहले ‘बाहु-बल्ली’ का इस्तेमाल
मार्च महीने में महाराष्ट्र में चंद्रपुर और यवतमाल जिलों को जोड़ने वाले एक राजमार्ग पर 200 मीटर लंबा बांस क्रैश बैरियर लगाया गया था. केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसे दुनिया का पहला ऐसा अभ्यास बताया था. इस बांस के क्रैश बैरियर को 'बाहु बल्ली' नाम दिया गया था.
सीएम सिटी गोरखपुर का दौरा करेंगे पीएम मोदी! लोकसभा चुनाव से पहले पूर्वांचल को बड़ा तोहफा देंगे
स्विट्जरलैंड की तर्ज पर लखनऊ में बनेगा गौ तीर्थाटन केंद्र, 33 करोड़ की लागत से होगा तैयार