नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: बाराबंकी जिले से एक हैरान कर देने वाला सामने आया. जहां एक शख्स पिछले कई दिनों से प्रधानमंत्री आवास की किस्त के लिये अधिकारियों के चक्कर काट रहा था. लेकिन जब उसे काफी दिनों तक दौड़ भाग करने के बाद भी निराशा मिली, तो आज उस शख्स ने बाराबंकी के जिलाधिकारी कार्यालय पर तेल छिड़ककर खुद को आग के हलावे कर दिया. आग लगाते ही डीएम कार्यालय पर हड़कंप मच गया. मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने किसी तरह पीड़ित की आग बुझाई और उसे आनन-फानन में वहां से हटवाया. हालांकि जब तक सुरक्षाकर्मी आग बुझाते, तब तक पीड़ित झुलस गया था. फिलहाल उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.


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पूरा मामला बाराबंकी जिले में रामनगर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम डीह अशोकपुर चाचू सराय से जुड़ा है. जहां के निवासी जुबेर बकई की पत्नी जाहिदा खातून के नाम से प्रधानमंत्री आवास आवंटित हुआ था. जाहिदा खातून को प्रधानमंत्री आवास बनाने के लिये पहली किस्त के रूप में 22 सितंबर 2023 को चालीस हजार रुपये मिले. जिसका उन्होंने निर्माण करवाया. पहली किस्त के निर्माण के बाद पीड़ित जुबेर लगातार उसकी जियो टैगिंग करवाने के लिये आलाधिकारियों के पास दौड़ रहा था. जिससे उसकी अगली किस्त आ सके, लेकिन काफी दिनों तक अधिकारियों के चक्कर काटने के बाद भी उसके निर्माण की जियो टैगिंग नहीं कराई गई.


पीड़ित जुबेर ने आरोप लगाया कि गांव में उसे मिलाकर कुल तीन प्रधानमंत्री आवास बनने थे. ग्राम पंचायत सचिव बीना कुमारी उससे जियो टैगिंग और अगली किस्त के लिये 10 हजार रूपये की घूस मांग रही थी, लेकिन वह काफी करीब है और उसके सात छोटे-छोटे बच्चे हैं. वह किसी तरह एक पल्ली तानकर झोपड़ी में अपने परिवार के साथ रहता है. ऐसे में वह ग्राम पंचायत सचिव बीना कुमारी को घूस नहीं दे सका. जिसके चलते ग्राम पंचायत सचिव ने बाकी दो आवासों की जियो टैगिंग कर दी और उनकी अगली किस्त भी आ गई, लेकिन उसकी आगली किस्त आज तक नहीं आई है. सचिव उसे लगातार कई विवादों में उलझाती रहीं और उसके आवास को अवैध घोषित करवा दिया. ऐसे में जब उसे इंसाफ नहीं मिला तब उसने खुद को आज आग लगा ली.


वहीं बाराबंकी के जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि पीड़ित जुबेर आज जनता दर्शन के दौरान यहां आया था. उसने यहां पर खुद को आग लगाने की कोशिश की थी. जांच करने पर पता चला है कि जुबेर की पत्नी जाहिदा खातून के नाम से पीएम आवास आवंटित हुआ था, जो सरकारी मार्ग पर बन रहा था. इसी के चलते अगली किस्त रोक दी गई थी, लेकिन आज पीड़ित की भूमि का लैंडयूज चेंज करवाकर उसका ई-पट्टा करके उन्हें उपलब्ध करवाया जा रहा है. इसके अलावा परिवार राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड उपलब्ध करवाया जा रहा है. साथ ही परिवार की हर संभव मदद की जा रही है. डीएम ने बताया कि पीड़ित के आरोप पर ग्राम पंचायत सचिव को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही पीड़ित की तहरीर पर एफआईआर भी दर्ज करवाई जा रही है.