Sultanpur News: यूपी की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Chief Minister Mass Marriage Scheme) का गलत लाभ उठाने वालों का पता लगाने के लिए मुखबिर का भी सहारा लिया जाएगा. शासन के निर्देश पर समाज कल्याण विभाग के अधिकारी योजना से लाभ लेने वाले परिवार का सत्यापन करने में जुटे हैं. जांच के बाद अपात्रों के विरुद्द कार्रवाई करने के साथ ही जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सुल्तानपुर जिले में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद जांच शुरु हो गई है.


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फर्जीवाड़े के कई मामले
बता दें कि सामूहिक विवाह योजना को लेकर फर्जीवाड़ा के कई मामले सामने आ चुके हैं. कभी दूल्हा ही खुद को जयमाला पहना देते हैं तो कही शादीशुदा लोगों की ही शादियां करा दी जाती है. किसी ने किसी तरीके से इस योजना में मिलने वाले संसाधनों का लाभ लिया जा रहा था. लेकिन अब योगी सरकार पर लगाम लगाने की तैयारी में है. इसी के तहत योजना का लाभ लेने वाले परिवारों का अब सत्यापन शुरू किया जा रहा है. सुल्तानपुर जिले में फर्जीवाड़ा की खबर सामने आई थी जिसके बाद बड़े स्तर पर जांच पड़ताल की गई. सामूहिक विवाह कार्यक्रम में पहले से विवाहित महिलाओं को योजना का लाभ दिया गया. 


 सीएम सामूहिक विवाह योजना
 सीएम सामूहिक विवाह योजना के तहत यूपी सरकार हर जोड़े पर 51 हजार रुपये खर्च करती है. कन्या के खाते में ₹35000 जमा कराए जाते हैं.


सुल्तानपुर फर्जीवाड़ा- मिली जानकारी के मुताबिक सुल्तानपुर में चालू वित्तीय वर्ष में योजना के तहत हुई सभी शादियों का घर -घर में जाकर वेरिफिकेशन कराने का निर्णय शासन के द्वारा लिया गया. इसके साथ ही राज्य के सभी जनपदों में कम से कम दस फीसदी शादियों का सत्यापन करान का फैसला लिया गया है. समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण के निर्देश पर सुल्तानपुर के एडीओ समाज कल्याण निलंबित भी किए जा चुके हैं.


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