Sultanpur Police Encounter: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में एसटीएफ ने फरार चल रहे एक लाख इनामिया बदमाश मंगेश यादव को मुठभेड़ में ढेर कर दिया. इनामी बदमाश मंगेश पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था.
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Sultanpur Police Encounter: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में भरत ज्वैलर्स के यहां दिन दहाड़े डकैती का आरोपी पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया है. ये मुठभेड़ देहात कोतवाली थाना के बाईपास स्थित मिश्रपुर पुरैना के पास बदमाश और एसटीएफ के बीच हुई. सुल्तानपुर के कोतवाली देहात के मिसिरपुर पुरैना इलाके में यह मुठभेड़ हुई. बाईपास पर एसटीएफ के जवानों का जमावड़ा है. चौक घंटाघर डकैती कांड में बदमाश पर एक लाख का इनाम घोषित किया गया था.
आज सुबह मुखबिर की सूचना पर जब मंगेश यादव मोटरसाइकिल से हनुमानगंज के पास पहुंचा था तभी एसटीएफ ने उसे घेर लिया. मंगेश ने पुलिस टीम फायर किया जवाबी कार्यवाही में एसटीएफ में भी मंगेश के ऊपर फायर किया, जिसमें उसे गोली लगी. गंभीर अवस्था में मंगेश यादव को सुल्तानपुर मेडिकल कॉलेज लाया गया जहां डॉक्टर ने उसे अमृत घोषित कर दिया. जिसके बाद मंगेश यादव के शव को पोस्टमार्टम हाउस में रख दिया गया है. जल्दी उसका पंचनामा कर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
सुल्तानपुर एनकाउंटर पर अखिलेश का ट्वीट
लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी। जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवज़ा अलग से देना चाहिए क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है उससे उबरने में बहुत समय लगता है, जिससे व्यापार की हानि होती है, जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे। नक़ली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। समाधान नक़ली एनकाउंटर नहीं, असली क़ानून-व्यवस्था है। भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है। जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुँच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नक़ली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है। जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फँसाया जाता है।
लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी।
जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 5, 2024
28 अगस्त को सर्राफा व्यापारी के यहां डकैती
बता दें कि बीते 28 अगस्त को सुल्तानपुर जिले के चौक बाजार में सर्राफा व्यवसाई के यहां सरेआम डकैती डाली गई थी. वारदात के बाद से ही पुलिस और यूपी एसटीएफ मामले के खुलासे में लगे थे.
मुठभेड़ में मारा गया बदमाश
घटना में शामिल मुख्य आरोपियों में से 1 लाख के इनामी बदमाश मंगेश यादव पुत्र राकेश यादव निवासी ग्राम अगरौरा थाना बक्शा , जनपद जौनपुर एसटीएफ के साथ मुठभेड़ हुई. घटना में शामिल डकैतों से एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक विमल सिंह की टीम से मिशीरपुर पुरैना में मुठभेड़ हुई. मुठभेड़ में बुरी तरह घायल मंगेश को निकट सीएचसी भदाईयां इलाज के लिए भेजा गया.जहां इलाज के दौरान मंगेश यादव की मौत हो गई. पुलिस को मौके से एक पिस्टल 32 बोर व कारतूस , तमंचा 315 बोर, एक मोटरसाइकिल सुपर स्पेलेंडर व डकैती से सम्बन्धित आभूषण भी बरामद हुए हैं.
दर्जनों मुकदमे दर्ज
मंगेश मूल रूप से जौनपुर के रहने वाला था और उस पर पहले से ही कई मुकदमे दर्ज थे. बता दें कि 28 अगस्त को सुल्तानपुर में भरत ज्वैलर्स के यहां दिन दहाड़े डकैती डाली गई थी. इस वारदात में मंगेश यादव भी शामिल था. इससे पहले पुलिस ने तीन अन्य बदमाशों को भी एनकाउंटर के बाद अरेस्ट किया था.
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