प्रेमेंद्र कुमार/फिरोजाबाद: भ्रष्टचार और पद का दुरुपयोग करने करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों पर सीएम योगी आदित्यनाथ का चाबुक चला है. सीएम योगी ने मंगलवार को कड़ा एक्शन लेते हुए फिरोजाबाद के सिरसागंज तहसील में अवैध तरीके से जमीन हड़पने के मामले में 5 अधिकारी और कर्मचारियों को निलंबित करने का निर्देश दिया है. इसमें उपजिलाधिकारी, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, लेखपाल और पेशकार शामिल हैं. 


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सभी पर दर्ज होगी एफआईआर
शासन ने इन सभी अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ सभी के खिलाफ एफआईआर कराने के भी निर्देश दिए हैं. इसके अलावा प्रदेश के सतर्कता विभाग की ओर से सभी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच के भी निर्देश जारी किए गए है.


क्या था पूरा मामला 
सिरसागंज क्षेत्र के रुधैनी निवासी योगेंद्र ने डीएम को दिए शिकायती पत्र में कहा कि 75 बीघा जमीन के विवाद तहसीलदार सिरसागंज के यहां चल रहा था. इस मामले में लगातार पैरवी कर रहा था. 12 जून को नकल सवाल डालने पर तहसील से पता चला कि उसकी जमीन के मामले में तहसील से दूसरे पक्ष के हक में सात जून को फैसला कर दिया था. इतना ही नहीं दूसरे पक्ष के लोगों के नाम फर्द में अंकित करने के साथ 12 जून को 75 बीघा जमीन के आठ अलग-अलग नामों से बैनामा भी कर दिए गए.


उसका आरोप है कि इनमें दो एसडीएम सिरसागंज विवेक राजपूत के उरई जिला जालौन के रिश्तेदार,तीन नायब तहसीलदार नवीन कुमार के आगरा के रिश्तेदार,एक लेखपाल एवं ईआरके (सहायक रजिस्ट्रार कानूनगो) अभिलाख सिंह के मैनपुरी एवं एक जिला पंचायत सदस्य के साथ एक नगला खंदारी का निवासी है. उसका कहना है कि अगले ही दिन उक्त जमीन पर खड़ी फसल को कटवाने के साथ खेतों को जुतवा दिया. इसकी शिकायत लेकर थाना सिरसागंज गए तो कोई सुनवाई नहीं हुई. बल्कि यह कहकर लौटा दिया कि मामला राजस्व विभाग का है.


पीड़ित ने डीएम रमेश रंजन से शिकायत की है कि फैसला सुनाने के पक्ष में यह बैनामा किए गए हैं. सिरसागंज तहसील के गावं रुधैनी निवासी योगेंद्र कुमार की शिकायत पर सीडीओ दीक्षा जैन की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर दी. शिकायत में आरोप लगाया है कि एसडीएम सिरसागंज विवेक राजपूत ने सात जून को एसडीएम न्यायालय से जिस जमीन के मामले में निर्णय दिया उसी का 12 जून को अपने रिश्तेदारों के नाम बैनामा भी करा लिया है. एसडीएम,नायब तहसीलदार सिरसागंज को शिकायत के बाद हटा दिया है.


सिरसागंज के रुधैनी स्थित 75 बीघा विवादित करोड़ों की जमीन का फैसला सुनाने के पांच दिन बाद ही एसडीएम,नायब तहसीलदार,लेखपाल एवं प्रभारी ईआरके ने अपने ही करीबी रिश्तेदारों के नाम बैनामा करा दिया. पीड़ित ने डीएम से शिकायत की. डीएम ने सीडीओ की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी है.


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