लखनऊ: बीजली चोरी पर सख्ती बरतते हुए एक बड़ा कदम उठाया जाएगा. लखनऊ में सभी उपभोक्ताओं के परिसर में अब प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाया जाएगा. इसके साथ ही बिजली वितरण सिस्टम को भी मीटर से जोड़ने की योजना है. जिसके लिए सभी फीडर व ट्रांसफार्मर पर मीटर लगाने पर भी काम किया जाएगा. मीटरों लगने से फीडर व ट्रांसफार्मर पर पड़ने वाले लोड की आसानी से जानकारी ली जा सकेगी. इस बारे में भी जानकारी हासिल की जा सकेगी कि बिजली की अधिक चोरी किस फीडर व ट्रांसफार्मर से किया जा रहा है. ध्यान देने वाली बात है कि लेसा के राजाजीपुरम डिवीजन में सर्वे का काम कर लिया गया है और एक सप्ताह के अंदर अंदर मीटर लगाने भी शुरू होंगे. 


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क्या क्या लाभ हो पाएंगे- 
बिजली चोरी रोकी जा सकेगी. 
एनर्जी अकाउंटिंग हो पाएगी. 
डेटा होने से ट्रांसफार्मर ओवरलोड नहीं हो पाएहा. 
सभी उपभोक्ताओं की बहुत आसानी से मैपिंग की जा सकेगी.


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उपभोक्ताओं की मैपिंग 
आरडीएसएस (रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) जोकि केंद्र सरकार की योजना है, इसके तहत शहर में बिजली वितरण प्रणाली को पहले से कहीं और अच्छा करने के लिए राजधानी लखनऊ में करीब 20 हजार ट्रांसफार्मरों पर मीटर लगाने का काम किया जाएगा. इसी मीटर से होकर सभी इलाकों में बिजली पूर्ति की जा सकेगी. इससे एक-एक यूनिट बिजली खर्च का लेखाजोखा विभाग के पास होगा. किस ट्रांसफार्मर पर लोड क्या है, पता लगाया जा सकेगा. इंदिरा नगर सर्किल के अधीक्षण अभियंता यदुनाथ राम की जानकारी के मुताबिक मीटर बताएंगे कि फीडर व ट्रांसफार्मर से जुड़े जिसने भी वैध कनेक्शन हैं उनको कितनी बिजली मिल पा रही है और अवैध रूप से बिजली चोरी कितनी की गई है. इस तरह बिजली चोरी पर आसानी से अंकुश लगाया जा सकेगा. इसके अलावा सभी उपभोक्ताओं की मैपिंग हो पाएगी. इस एक कदम से हमेशा से चली आ रही बिजली चोरी की समस्या पर लगाम कसी जा सकेगी.