Lucknow news: लखनऊ के एक कॉल सेंटर में चल रहे नशे का कारोबार का पर्दाफाश प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कर दिया दिया है. इस मामले में पता चला है कि कंपनी के द्वारा अमेरिका के ग्राहको कों पार्सल के माध्यम के जरिए नशीले पदार्थ भेजे जाते थे. कॉल सेंटर के माध्यम से अमेरिका में अपने ग्राहकों को कॉल करते थे और साइकोट्रोपिक पदार्थों के ऑर्डर प्राप्त करते थे. बाद में सागर अस्थाना और पुनीत दुबे डाक के माध्यम से अमेरिका के ग्राहकों को पार्सल भेजते थे. 


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मेसर्स एपिटोम टेलीकम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स हत्श टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स जिओ पार्डी टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स मॉर्फियस टेलीकॉम प्रा. लिमिटेड, मैसर्स स्काई ड्रीम्स टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स स्काई हाई टेलीकम्युनिकेशन, मेसर्स सीजी टेलीकॉलर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स वाईएस टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स 99 स्टाइल रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के नाम से यह गैरकानूनी कारोबार किया जा रहा था. 


ईडी के अधिकारियों ने बताया कि मेसर्स हत्श टेलीकॉम और अन्य के खिलाफ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, लखनऊ जोनल यूनिट द्वारा दर्ज मामले के आधार पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था. जांच में यह भी पता चला कि शांतनु गुप्ता, शशांक गुप्ता, अब्दुल वहाब यासिर, मोहित हलधर, पुनीत दुबे और अन्य नौ फर्जी कंपनियों के माध्यम से सॉफ्टवेयर से संबंधित कारोबार की आड़ में लखनऊ में एक कॉल सेंटर के माध्यम से नशीले पदार्थों का कारोबार चला रहे थे. 


ईडी ने जो संपत्तियां जब्त की है वह सारी अपराध के धन से अर्जित 2013 और 2017 के बीच खरीदी गयी है. जांच में कंपनियों के 43 बैंक खातों में 23.67 करोड़ रुपये अमेरिका समेत कई देशों से आने की पुष्टि भी हुई थी. खाते में यह रकम आते ही उसे तुरंत निकाल लिया जाता था. ईडी इस मामले की आगे जांच कर रही है.


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