आरसीसी प्रणाली से लेयर डाली जा रही है. एक फीट मोटी लेयर को रोलर से 2 इंच कॉम्पैक्ट किया जाता है, फिर लेयर को सुखाने का काम होता है. कोई प्राकृतिक बाधा नहीं आती है तो लेयर बनने में दो से तीन दिन फिर सुखाने तक कुल पांच दिन लग जाते हैं.
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अयोध्या: अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर की नींव के लिए खोदे गए 40 फिट गहरे गड्ढे को भरने के लिए लेयर डालने का काम प्रगति पर है. लेयर डालने का काम देश के विशेषज्ञ इंजीनियरों की निगरानी में चल रहा है, जिसे इस साल अक्तूबर तक पूरा करने का लक्ष्य है. अब तक 5 लेयर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.
नींव में लेयरिंग डालने का काम अक्टूबर तक पूरा होगा
आरसीसी प्रणाली से लेयर डाली जा रही है. एक फीट मोटी लेयर को रोलर से 2 इंच कॉम्पैक्ट किया जाता है, फिर लेयर को सुखाने का काम होता है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र बताते हैं कि यदि कोई प्राकृतिक बाधा नहीं आती है तो लेयर बनने में दो से तीन दिन फिर सुखाने तक कुल पांच दिन लग जाते हैं.
दिसंबर तक शुरू होगा 16 फीट ऊंचे चबूतरे का निर्माण
चालीस फीट गहरी नींव में 44 लेयर डाले जाएंगे. इसके बाद 16 फीट ऊंचे चबूतरे (प्लिंथ) पर भव्य राम मंदिर का गर्भगृह व मंडप आकार लेगा. इसी के समानांतर ही राम मंदिर के कॉरीडोर (परिक्रमा पथ) का काम भी प्रारंभ किया जाएगा. यह काम दिसंबर तक शुरू हो जाएगा. मुख्य आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा भी जल्द ही अपनी टीम के साथ अयोध्या पहुंचेंगे.
राम मंदिर कॉरीडोर में एक साथ 5000 भक्त परिक्रमा करेंगे
राम मंदिर कॉरीडोर को इस तरह बनाने की योजना है कि एक साथ पांच हजार भक्त परिक्रमा कर सकें. बताया गया है कि 16 फीट ऊंचे चबूतरे का निर्माण मिर्जापुर के पत्थरों से किया जाएगा. पत्थरों की आपूर्ति के लिए सप्लायर चयनित किए जा चुके हैं. पत्थरों का मॉक टेस्ट भी हो चुका है. अक्तूबर से पत्थरों की आपूर्ति भी प्रारंभ हो जाएगी.
राजस्थान सरकार से पत्थरों की आपूर्ति के लिए बाधाएं दूर हुईं
इन पत्थरों को जोड़ने के लिए मोरंग व विशेष रसायन का प्रयोग होगा. जबकि राम मंदिर का निर्माण राजस्थान के गुलाबी पत्थरों से होगा. इन्हीं पत्थरों पर कलाकृतियां उकेरी जाएंगी. डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि राजस्थान सरकार से पत्थरों की आपूर्ति के लिए वार्ता चल रही है, पत्थरों की आपूर्ति को लेकर जो भी बाधाएं हैं वह लगभग समाप्त होने को हैं.
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पत्थरों की तराशी के लिए जून आखिरी तक दो वर्कशॉप बनेंगे
राम मंदिर निर्माण में प्रयुक्त होने वाले शेष पत्थरों की तराशी के लिए जून आखिरी तक कार्यशाला का शुभारंभ हो जाएगा. रामसेवकपुरम व श्रीराम जन्मभूमि परिसर दो स्थानों पर वर्कशॉप स्थापित होंगे. वहीं राम सेवकपुरम कार्यशाला में लगी कटिंग मशीन को शुरू करने के लिए राजस्थान से कारीगर अयोध्या पहुंचे हैं. बहुत दिनों से बंद पड़ी मशीनों की रिपेयरिंग की जा रही है.
राम मंदिर एक नजर में
कुल क्षेत्रफल 2.7 एकड़
मंदिर की कुल लंबाई 360 फीट
मंदिर की कुल चौड़ाई 235 फीट
शिखर सहित मंदिर की कुल ऊंचाई 161 फीट
कुल तलों की संख्या 03
प्रत्येक तल की ऊंचाई 20 फीट
मंदिर के भूतल में स्तंभों की संख्या 160
मंदिर के प्रथम तल में स्तंभों की संख्या 132
मंदिर के दूसरे तल में स्तंभों की संख्या 74
मंदिर में शिखर एवं मंडपों की संख्या 05
मंदिर में द्वारों की संख्या 12
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