सुभद्रा कुमारी चौहान की 117वीं जयंती आज, भारत की पहली महिला सत्याग्रही को Google ने Doodle बनाकर दिया सम्मान
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand965926

सुभद्रा कुमारी चौहान की 117वीं जयंती आज, भारत की पहली महिला सत्याग्रही को Google ने Doodle बनाकर दिया सम्मान

सुभद्रा कुमारी चौहान ने 1923 में भारत की पहली महिला सत्याग्रही की टीम का नेतृत्व किया. सुभद्रा कुमारी चौहान एक कवियित्री होने के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थीं. सुभद्रा कुमारी चौहान ने 88 कविताएं और 46 लघु कथाएं लिखीं.

क्रेडिट-गूगल

Subhadra Kumari Chauhan: सुभद्रा कुमारी चौहान की 117वीं जयंती पूरा देश मना रहा है और उन्हें Google ने Doodle बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. इंडियन एक्टिविस्ट और राइटर की जयंती के मौके पर डूडल ने एक साड़ी में कलम और कागज के साथ बैठी सुभद्रा कुमारी चौहान को दिखाया है. सुभद्रा कुमारी चौहान पुरुष वर्चस्व वाले युग के दौरान अपनी शाख जमाने वाली महिलाओं में से एक थीं. सुभद्रा कुमारी चौहान एक लेखिका, एक्टिविस्ट, स्वतंत्रता सेनानी भी थीं.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्‍यतिथि पर देश कर रहा है याद, PM मोदी, CM योगी ने दी विनम्र श्रद्धांजलि

साड़ी पहने कलम और कागज के साथ नजर आ रही  सुभद्रा
डूडल पर क्लिक करने पर सुभद्रा कुमारी चौहान से जुड़ा वेब पेज खुल रहा है. बता दें कि सर्च इंजन गूगल (Google) हर खास मौके पर डूडल (Doodle) बनाता है. इस डूडल में सुभद्रा कुमारी चौहान साड़ी पहने कलम और कागज के साथ नजर आ रही हैं.

न्यूजीलैंड की गेस्ट आर्टिस्ट प्रभा माल्या ने बनाया डूडल
इस डूडल को न्यूजीलैंड की गेस्ट आर्टिस्ट प्रभा माल्या ने बनाया है. उनकी राष्ट्रवादी कविता झांसी की रानी को व्यापक रूप से हिंदी साहित्य में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली कविताओं में से एक माना जाता है. 

आज से यूपी में केंद्रीय मंत्रियों की जन आशीर्वाद यात्राएं, अलग-अलग इलाकों में करेंगे सरकार की योजनाओं का प्रचार

कई बार जेल भी गईं सुभद्रा

सुभद्रा राष्ट्रीय चेतना की एक सजग लेखिका रही हैं. सुभद्रा कुमारी चौहान ने 88 कविताएं और 46 लघु कथाएं लिखीं.1923 में सुभद्रा कुमारी चौहान ने भारत की पहली महिला सत्याग्रही की टीम का नेतृत्व किया. सुभद्रा कुमारी चौहान एक कवियित्री होने के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थीं. वो देश की पहली महिला सत्याग्रही थीं. भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन में सुभद्रा कुमारी चौहान ने अपनी कविताओं से लोगों में जोश भरने का काम किया. उन्होंने स्‍वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और कई बार जेल भी गईं.

सिर्फ नौ साल की उम्र में प्रकाशित हुई कविता
सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म आज ही के दिन 1904 में निहालपुर गांव में हुआ था. वह घोड़ा गाड़ी में बैठकर रोज स्कूल जाती थीं और इस दौरान भी लगातार लिखती रहती थीं. सुभद्रा कुमारी चौहान की पहली कविता सिर्फ नौ साल की उम्र में प्रकाशित हो गई थी. उनका परिवार शुरू से ही राष्ट्रवादी विचारों से प्रेरित था. सुभद्रा को बचपन से ही ऐसे संस्कार मिले और वे आंदोलनों की ओर मुड़ गईं. सुभद्रा के परिवार में चार बहनें और दो भाई थे. 

चचा का जबरदस्त जुगाड़, दीवार पर चढ़े, खिड़की तक पहुंचे फिर लगवाई 'वैक्सीन' और निकल लिए

WATCH LIVE TV

Trending news