GPS tolling system on NH: टोल टैक्स का कलेक्शन जीपीएस के माध्यम से होगा और इसकी शुरुआत दिल्ली-जयपुर और बेंगलुरु-मैसूर हाईवे से हो रही है.
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GPS tolling system on NH: टोल प्लाजा खत्म कर जीपीएस तकनीक (GPS technology) से टोल टैक्स जुटाने की तैयारी में सरकार ने एक कदम और बढ़ा दिया है. एनएच यानी राष्ट्रीय राजमार्गों से गुजरने वालों के लिए अच्छी खबर हो सकती है. दिल्ली-जयपुर हाईवे (एनएच-48) और बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे पहले दो ऐसे राजमार्ग होंगे, जहां जीपीएस-आधारित टोलिंग प्रणाली शुरू कर दी जाएगी जिससे यात्रियों को यात्रा की गई किलोमीटर की संख्या के हिसाब से शुल्क का पेमेंट करना सुनिश्चित हो सके. इस जीपीएस टोल सिस्टम लागू होने के बाद हाईवे पर टोल प्लाजा हटा लिए जाएंगे. मतलब यह कि इस सिस्टम के बाद यात्रियों को उतने ही पैसे देने होंगे, जितनी दूरी वे हाईवे पर तय करेंगे.
अब जितनी दूरी, उतना टैक्स
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जीपीएस टोल प्रणाली की तैयारी का काम शुरू कर दिया गया है. ट्रैवल के लिए तय की गई दूरी और यात्रा के लिए लगने वाले टोल टैक्स की सटीक गणना के लिए दिल्ली-जयपुर खंड की बेहतर जियोफेंसिंग शुरू हो गई है. मतलब है कि अब टोल टैक्स का कलेक्शन जीपीएस के माध्यम से होगा. इसकी शुरुआत दिल्ली-जयपुर और बेंगलुरु-मैसूर हाईवे से हो रही है. सूत्रों के मुताबिक मौजूदा समय में 18 लाख से ज्यादा कमर्शियल वाहनों में जीपीएस-आधारित व्हिकल लोकशन ट्रैकिंग सिस्टम लग चुके हैं.
विभिन्न राजमार्गों पर धीरे-धीरे होगा विस्तार
सूत्रों के मुताबिक इस नए जीपीएस-आधारित टोलिंग सिस्टम को विभिन्न हिस्सों यानी राजमार्गों पर आजमाया जाएगा और धीरे-धीरे इसका विस्तार किया जाएगा. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में संसद को सूचित किया कि एनएच नेटवर्क को टोल प्लाजा से मुक्त करने की नई प्रणाली मार्च तक शुरू हो जाएगी. जीपीएस पर रिकॉर्ड होगा कि आपने कहां से राजमार्ग पर एंट्री ली और कहां से निकले है. ऐसा होने पर आपके बैंक अकाउंट से पैसा कट जाएगा. आपको कहीं पर कोई रोकेगा नहीं.
प्राइवेसी का भी रखा जाएगा ख्याल
केंद्रीय सड़क परिवहन सचिव अनुराग जैन ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि वे इसे लागू करने की योजना पर काम कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार प्राइवेसी संबंधी चिंताओं सहित सभी मुद्दों पर भी ध्यान दे रही है. अनुराग जैन ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे दिसंबर तक और दिल्ली-सूरत हिस्सा पर जीपीएस सिस्टम अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा. ऐसा होने पर टोल टैक्स में 50 फीसदी तक कमी आएगी.