शुभम पांडेय/लखनऊ: कोरोना महामारी अब तक भारत में लाखों और दुनिया में करोड़ों जिं​दगियां लील चुका है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से भी कोरोना की भयावहता का एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है. बख्शी का तालाब इलाके में स्थित इमलिया पूर्वा गांव में कोरोना की दूसरी लहर में 15 दिनों के अंदर एक ही परिवार के 8 लोगों की मौत हो चुकी है.


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हंसते खेलते इस परिवार में 4 औरतें विधवा हो गईं
मरने वालों में परिवार के 4 भाई, 2 बहनें और दो माताएं हैं. सात मौतें कोरोना संक्रमण से और 1 बुजुर्ग की मौत हृदय गति रुकने से हुई है. इस परिवार ने बीते सोमवार को एक साथ अपने घर के 5 लोगों की 13वीं की. पांच लोगों की तस्वीर पर श्रद्धांजलि दी जा रही थी, जिसमें चार सगे भाई थे. हंसते खेलते इस परिवार में 4 औरतें विधवा हो गईं.


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ओमकार यादव ने बताया कि उनके भाई को बुखार आ रहा था. गांव में ही छोटे-मोट डॉक्टरों से दवाई लेकर इलाज चल रहा था. तबीयत ज्यादा खराब होने पर 24 अप्रैल को उन्हें बीकेटी के राम सागर मिश्रा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. क्योंकि ऑक्सीजन की व्यवस्था उस हॉस्पिटल में मिल गई थी. ओमकार ने बताया कि शाम को भाई को भर्ती कराया दूसरे दिन दोपहर में मौत हो गई.


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ओमकार कहते हैं कि उनके भाई की मौत की खबर सुनकर बड़ी अम्मा भी बीमार हो गई थीं. इसी सदमे में हार्ट अटैक से उनकी भी मौत हो गई. इसी तरह 25 अप्रैल से लेकर 15 मई तक परिवार के 6 और लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर काल के गाल में समा गए. 


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परिवार के इन सदस्यों ने गंवाई जान
निरंकार सिंह यादव (40) 25 अप्रैल, कमला देवी (80) 26 अप्रैल, शैल कुमारी (35) 27 अप्रैल, विनोद कुमार (60) 28 अप्रैल, विजय कुमार (62) 1 मई, मिथलेश कुमारी (50) 4 मई, रूप रानी (82) 11 मई, सत्य प्रकाश (35) 15 मई को मृत्यु हुई.


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