लखनऊ: उत्तर प्रदेश में स्थित बहुमंजिला भवनों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है. यहां फैसला इन भवनों में लगे लिफ्ट और एक्सीलेटर को लेकर लिया गया. दरअसल, इन लिफ्ट के  लिए 6 महीने में पंजीयन करना होगा. जानकारी है कि यह व्यवस्था पुराने भवनों में भी लागू की जाएगी. विद्युत सुरक्षा निदेशालय में पंजीयन होगा. जिसके लिए लिफ्ट और एक्सीलेटर अधिनियम 2024 को मंजूरी कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में दी गई है. 


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अधिनियम को मंजूरी 
जानकारी है कि प्रदेश में उत्तर प्रदेश लिफ्ट और एक्सीलेटर अधिनियम 2024 लागू किया गया है. अब निजी और बहुमत जिला भवनों में लिफ्ट के साथ ही एक्सीलेटर के संचालन को लेकर अधिनियम को मंजूरी मिली है. ध्यान देने वाली बात है कि जो लिफ्ट व एक्सीलेटर पहले से लगाए गए हैं उनको 6 माह में पंजीकृत करना होगा जिसके लिए 5000 रुपये शुल्क के रूप में लगेगा. 


मुआवजा भुगतान का नियम
15 जुलाई 2024 दिन सोमवार को प्रदेश कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश लिफ्ट और एस्केलेटर अधिनियम-2024 को मंजूरी दे दी है. विधायी अनुभाग द्वारा इस अधिनियम को फरवरी में पारित किया गया था. हादसा होने पर मुआवजा भुगतान का नियम है. 


दो दफा लिफ्ट और एक्सीलेटर की मरम्मत
यहां पर एक बात और ध्यान देने वाली है कि लोगों की सुरक्षा के लिए ऑटो रिस्क डिवाइस भी लगाना होगा. अगर कोई व्यक्ति नियमों की अनदेखी करे तो उसके विरुद्ध जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया गया है. भवन मालिक को साल में दो दफा लिफ्ट और एक्सीलेटर की मरम्मत करवानी होगी साथ ही किसी तरह के हादसे के होने पर मलिक को मुआवजा का भुगतान भी करना होगा. 


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इस अधिनियम के कैबिनेट से मंजूरी के बाद अब प्रदेश के व्यापारिक, सरकारी प्रतिष्ठानों, बहुमंजिली भवनों में लगे सभी लिफ्ट के साथ ही एस्केलेटर का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है. अधिनियम के अंतर्गत कहीं भी लिफ्ट या एस्केलेटर स्थापित करने से पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा.