ISCKON Mandir: जन्माष्टमी के दिन इस्कॉन मंदिरों में एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है. उत्तर प्रदेश में वृंदावन से लेकर लखनऊ और कानपुर में इस्कॉन के मंदिर स्थित है. जिनका नजारा मन मोह लेता है. जन्माष्टमी पर इन मंदिरों में अलग ही रौनक देखने को मिलती है. आज हम आपको उत्तर प्रदेश के ऐसे ही 5 मंदिरों के बारे में बताएंगे. 


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भगवान श्रीकृष्ण की नगर वृंदावन में कई दर्शनीय स्थल मौजूद हैं. इन्हीं में से एक इस्कॉन मंदिर भी है. इस्कॉन की स्थापना करने वाले भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद का सपना था कि वृंदावन में भव्य मंदिर का निर्माण कराया जाए. मंदिर का निर्माण वहां कराया गया है, जहां भगवान श्रीकृष्ण भाई बलराम के साथ खेला करते थे. मंदिर में आकर भक्त श्रीकृष्ण की भक्ति में डूब जाते हैं. 


राधा गोविंद मंदिर नोएडा
नोएडा में बने श्री राधा गोविंद मंदिर की गिनती दिल्ली एनसीआर के भव्य मंदिरों में होती है. यहां श्री राधा गोविंद, सीता राम, लक्ष्मण हनुमान और जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा हैं. इस मंदिर का मुख्य आकर्षण एक रोबोट है जो भगवद गीता की शिक्षाओं का प्रचार करता है. यहां एक संग्रहालय, गौशाला, पुस्तक वितरण, गोविंदा रेस्तरां, बच्चों और युवाओं के लिए संडे स्कूल, महिलाओं के कार्यक्रम और सप्ताहांत संकीर्तन और धार्मिक व्याख्यान की भी व्यवस्था है. 


कानपुर राधा माधव मंदिर
कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से करीब 13 किलोमीटर दूर बिठूर क्षेत्र में इस्कॉन मंदिर है, जिसे राधा माधव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इसे साल 2014 में संस्था ने बनाया था. मंदिर का परिसर करीब 15 एकड़ में फैला है. मंदिर में बेहतरीन वास्तुकला और भव्य मीनारें हैं. मंदिर के अंदर खुले आसमान के नीचे एक विशाल हॉल के साथ एक आंगन है। एक परिक्रमा मार्ग (तीर्थयात्रा पथ) मंदिर की इमारत को घेरता है. मंदिर में इंट्री के लिए कोई शुल्क नहीं है. 


राधा रमण बिहारी मंदिर, लखनऊ
राधा रमण बिहारी मंदिर लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यह मंदिर 1 अशोक नगर, गुरु गोविंद सिंह मार्ग पर स्थित है. इसके अलावा लखनऊ में एक और इस्कॉन मंदिर स्थित है. जो सुशांत गोल्फ सिटी, अंसल एपीआई, सुल्तानपुर रोड पर है. 


श्री राधा गोपाल बिहारी जी मंदिर, वाराणसी
बाबा महाकाल की नगरी काशी में भी इस्कॉन का श्री राधा गोपाल बिहारी जी मंदिर है, जो भगवान की लीलाओं की याद दिलाता है. जन्माष्टमी पर इस मंदिर का नजारा देखने लायक होता है. ये मंदिर दुर्गाकुंड रोड, पुलिस स्टेशन के पास वाराणसी में स्थित है. 


इस्कॉन की स्थापना ?
इस्कॉन यानी इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस को 'हरे कृष्णा' मूवमेंट के तौर पर भी जाना जाता है. कोलकाता के रहने वाले भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने साल 1966 में न्यूयार्क सिटी में इस संस्था की स्थापना की थी. आज दुनिया भर में इस्कॉन के 400 से ज्यादा मंदिर हैं. इस्कॉन का उद्देश्य देश-दुनिया के लोगों को ईश्वर से जोड़ना, आध्यात्मिक समझ, एकता और शांति का संदेश देना है. 


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