Caution Money: उत्तर प्रदेश के प्राइवेट इंजीनियरिंग और डिप्लोमा कॉलेज, छात्र-छात्राओं के एडमिशन के समय मनमानी जमानत राशि यानी कॉशन मनी वसूल नहीं कर पाएंगे. इसके लिए शासन ने संस्थाओं के लिए समान फीस निर्धारित कर दी है. इसके अलावा अब डिग्री लेवल के इंजीनियरिंग कॉलेज 5 हजार रुपये और डिप्लोमा स्तरीय संस्थाएं 3 हजार रुपये से ज्यादा कॉशन मनी वसूल नहीं कर पाएंगे. प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने छात्र-छात्राओं से मनमानी फीस वसूली रोकने के लिए इस संबंध में एक समान फीस तय करने की कार्रवाई के निर्देश दिए थे.


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निजी स्कूलों की फीस प्रतिपूर्ति की प्रति वर्ष समीक्षा करे सरकार-इलाहाबाद HC ने दिए निर्देश


कॉशन शुल्क करना होगा वापस
संस्थाओं को पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों को नो ड्यूज प्रमाणपत्र मिलने की तारीख से दो महीने में अनिवार्य रूप से कॉशन मनी का शुल्क वापस करना होगा. ऐसा न करने पर जैसे-जैसे समय बढ़ेगा, वैसे-वैसे दो से चार गुना ज्यादा तक शुल्क वापस करना होगा. अगर 4 और 6 महीने के अंदर धनराशि वापस की जाती है तो 3 और 4 गुना कॉशन मनी की धनराशि छात्रों को वापस करनी होगी.


संस्थानों के खिलाफ होगी कार्रवाई
प्रमुख सचिव की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि यदि पढ़ाई पूरी करने के बाद स्टूडेंट्स पर कोई देनदारी जैसे कि लाइब्रेरी की किताबें, लैब में किसी तरह की टूट-फूट या कोई और बकाया है तो उसकी धनराशि, कॉशन मनी से काटकर शेष धनराशि दो महीने में वापस करनी होगी. यदि कोई संस्थान इन निर्देशों को पालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. 


मिल रही थी ज्यादा रुपये वसूलने की शिकायतें
विभिन्न संस्थाओं में 3 हजार रुपये से लेकर 25 हजार रुपये तक कॉशन मनी वसूले किए जाने की शिकायतें थीं. ऐसी भी कंप्लेन थी कि कॉशन मनी बस 10 से 20 फीसदी छात्र-छात्राओं को ही वापस मिलती है. अधिकारियों के मुताबिक इससे प्रदेश के करीब 2000 कॉलेजों में कॉमन फीस समान होगी. इससे लाखों विद्यार्थियों को राहत मिलेगी.


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