Mahashivratri 2022: आज देश भर में महाशिवरात्रि मनाई जा रही है.आज फाल्गुन मा​ह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है. महाशिवरात्रि के दिन परिघ योग और शिव योग बन रहे हैं. इस दिन पंचग्रही योग भी बन रहा है. मंदिर और शिवालयों में ओम नम: शिवाय, हर-हर महादेव व बोलबम के जयघोष हो रहे हैं. शिवालय गूंज उठे हैं. महाशिवरात्रि को लेकर भक्तों में काफी उल्लास है. मंगलवार की भोर तीन बजे से जलाभिषेक का दौर शुरू हो गया ह और देर रात तक यह सिलसिला चलता रहेगा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं को शिवरात्रि के पावन पर्व पर शुभकामनाएं दी हैं.


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सीएम योगी ने महाशिवरात्रि के पावन पर्व की सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी हैं. देवाधिदेव महादेव से प्रार्थना है कि यह महापर्व सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और आरोग्यता का संचार करे। बाबा भोलेनाथ की कृपा समस्त प्रदेशवासियों पर बनी रहे। हर हर महादेव!




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सभी 12 महीनों में हर महीने मनाई जाने वाली मासिक शिवरात्रि में फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि सबसे खास और मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाली शिवरात्रि होती है. हिंदू धर्म में भगवान शिव सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले देवता है. भगवान शिव की पूजा-आराधना का विशेष महत्व होता है.


हर-हर महादेव!की गूंज


वाराणसी में महाशिवरात्रि की धूम मची हुई है. शिव भक्तों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है. रात से ही मंदिरों में लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. आज शिव भक्त बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे.


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, परिघ योग में शत्रुओं पर विजय के लिए बनाई गई रणनीति सफल होती है. जो लोग महाशिवरात्रि का व्रत रहेंगे, उनके लिए शिव (Lord Shiva) पूजा का मुहूर्त जानना जरूरी है. महाशिवरात्रि को रात्रि प्रहर में शिव पूजन का विधान है, लेकिन इस दिन प्रात:काल से भी पूजा अर्चना कर सकते हैं, इसमें कोई बाध्यता नहीं है. आइए जानते हैं महाशिवरात्रि के पूजा मुहूर्त, शुभ समय , योग (Grah Yog) आदि के बारे में.


महाशिवरात्रि पूजन का शुभ मुहूर्त 


महाशिवरात्रि के त्योहार पर भगवान शिव की पूजा चार प्रहर में करने का विधान होता है. इस साल महा शिवरात्रि 1 मार्च मंगलवार को प्रातः 3:16 बजे से प्रारंभ होगी.शिवरात्रि की तिथि दूसरे दिन यानि चतुर्दशी तिथि बुधवार 2 मार्च को प्रातः 10 बजे समाप्त होगी. 


पहले पहर की पूजा-1 मार्च की शाम को 06 बजकर 21 मिनट रात के 9 बजकर 27 मिनट तक
दूसरे पहर  की पूजा-1 मार्च की रात्रि 9 बजकर 27 मिनट से रात्रि के 12 बजकर 33 मिनट तक
तीसरे पहर की पूजा-1 मार्च की रात 12 बजकर 33 मिनट से सुबह  3 बजकर 39 मिनट तक
चौथे पहर  की पूजा-2 मार्च की सुबह 3 बजकर 39 मिनट से 6 बजकर 45 मिनट तक
पारण का समय-2 मार्च सुबह 6 बजकर 45 मिनट के बाद पारण का समय है


दान करने का  खास महत्व 
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, महाशिवरात्रि के पर्व का सनातन धर्म में विशेष महत्व है. इस दिन स्नान के बाद दान-पुण्य का विधान है. महाशिवरात्रि पर भगवान भोले की पूजा-अर्चना से सभी कष्ट दूर होते हैं. गृहस्थों के साथ संन्यासियों के लिए भी यह पर्व खास है. 


करें ॐ नमः शिवाय का जाप


महाशिवरात्रि के दिन शिवपुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए. इसके साथ ही इस दिन रात्रि जागरण का भी विधान है. शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि का पूजा निशील काल में करना उत्तम माना गया है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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