10 दिन कांवड़ यात्रा सह लेंगे पर खुले में नमाज रोकी तो... चंद्रशेखर आजाद ने खुले मंच से सबको ललकारा
Nagina MP Chandrashekhar Azad on Kanwar Yatra: नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कांवड़ यात्रा और खुले में नमाज का मुद्दा उठाते हुए गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने यूपी सरकार को कठघऱे में खड़े करने के साथ खुले सेक्युलर कहने वाले अखिलेश यादव और मायावती को भी खुले तौर पर चुनौती दी है.
Nagina MP Chandrashekhar Azad on Namaz on the road: नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कांवड़ यात्रा और खुले में नमाज का मुद्दा उठाकर सरकार और विपक्षी दलों पर सीधे सवाल दागे हैं. उन्होंने कहा कि अगर हम कांवड़ यात्रा को लेकर दस दिनों तक हर तरह की पाबंदी सहते हैं तो 20 मिनट की ईद की नमाज से क्या तकलीफ है. उन्होंने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को भी कठघऱे में खड़े करने के साथ खुले सेक्युलर कहने वाले अखिलेश यादव और मायावती को भी खुले तौर पर चुनौती दी है.
नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद का वीडियो वायरल है, जिसमें चंद्रशेखर आजाद बोल रहे हैं कि अगर 10 दिन के लिए कावड़ के लिए सारे रास्ते, अस्पताल बंद हो सकते हैं तो ईद के दिन 20 मिनट नमाज पढ़ने से किसी को क्या दिक्कत है क्योंकि हमें सभी धर्म का सम्मान करना चाहिए जो लोग 20 मिनट नमाज पढ़ने पर आपत्ति जताते हैं वह किसी धर्म के साथ नहीं हो सकते।
वायरल वीडियो 23 जून का बताया जा रहा है जिसमें नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने नजीबाबाद के गांव चंदनपुर में छोटे प्रधान के यहां पर गांव के लोगों की एक बैठक को संबोधित किया था बैठक को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर आजाद वहां मुस्लिम समाज के ईद पर नमाज पढ़ने पर आपत्ति जताने के मामले में बोल रहे हैं कि यदि हिंदुओं के कावड़ के लिए 20 दिन तक सारे रास्ते बंद किया जा सकते हैं होटल बंद किए जाते हैं और अस्पताल बंद कर दिए जाते हैं रास्ते बंद होने पर कई बार इमरजेंसी में लोग अस्पताल भी नहीं पहुंच पाए उस पर किसी को आपत्ति नहीं है तो 20 मिनट मुस्लिम समाज के लोगों की नमाज पढ़ने पर आपत्ति क्यों है
वायरल वीडियो में यह भी कह रहे हैं कि यह मुद्दा सिर्फ चंद्रशेखर आजाद ने उठाया बाकी किसी नेता में हिम्मत नहीं जो इस तरह के मुद्दे उठा सके वह हाथ में जल लेकर इस वीडियो में कसम खाते दिखाई दे रहे हैं और मुसलमानों को आश्वासन दे रहे हैं कि मैं कसम खाता हूं कि आपके साथ खड़ा रहूंगा जो मुद्दे मैंने उठाए हैं वह कोई और नहीं उठा सकता और मैंने यह मामला नेशनल मीडिया पर भी उठाया है जबकि किसी और नेता की हिम्मत नहीं कि वह इतना बड़ा मुद्दा और इस तरह के सवाल मीडिया में या कहीं उठा सके
वह वीडियो में यह भी बोल रहे हैं की जो दूसरे धर्म के लोग नमाज पढ़ने पर आपत्ति जताते हैं या दूसरे धर्म का सम्मान नहीं करते तो वह किसी धर्म के भी नहीं हो सकते हैं।
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