ओम प्रकाश राजभर के बागी तेवर, जब बिहार में पूर्ण शराबबंदी तो यूपी में क्यों नहीं?
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले ओम प्रकाश राजभर ने आजमगढ़ में अपनी पार्टी (भारतीय समाज पार्टी) के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी पूर्ण शराबबंदी लागू हो.
लखनऊ: योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले ओम प्रकाश राजभर ने आजमगढ़ में अपनी पार्टी (भारतीय समाज पार्टी) के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी पूर्ण शराबबंदी लागू हो. उन्होंने कहा कि शराबबंदी की मांग को लेकर 20 मई से बलिया जिले से आंदोलन की शुरुआत की जाएगी. देवरिया में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शराब बंदी को लेकर 10 जून को कुशीनगर में हाहाकार मचा दूंगा. उन्होंने 10 जून को लाखों की संख्या में लोगों को एकजुट होने की अपील की. अपने संबोधन में उन्होंने कहा, 'आप एकजुट हो जाइए, फिर देखिए मैं कैसे हाहाकार मचवा देता हूं.' आगे उन्होंने कहा, 'बिहार में जदयू और बीजेपी की सरकार है, इसके बावजूद वहां पूर्ण शराबबंदी है. उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी की सरकार है तो यहां शराबबंदी क्यों लागू नहीं हो सकता?
आबकारी विभाग की दोहरी नीति क्यों?- राजभर
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि कैबिनेट बैठक में जब कभी आबकारी विभाग का जिक्र होता है तो मैं दो तरह की व्यवस्था का हमेशा विरोध करता हूं. एक तरफ मद्य-पान निषेद की बात की जाती है, दूसरी तरफ शराब ठेका पर पाबंदी नहीं लगाई गई है. शराबबंदी को लेकर उन्होंने कहा कि यह वोट की राजनीति नहीं है. मैं चुनाव भी लड़ता हूं और जनता को भी जागरूक करने की कोशिश करता हूं. उन्होंने साफ किया कि शराबबंदी के जरिए मैं सरकार को डराने की कोशिश नहीं कर रहा हूं, बल्कि गरीबों को जागरूक कर रहा हूं.
राजभर ने जनसभा में कहा- "बाटी-चोखा कच्चा वोट, दारू मुर्गा पक्का वोट"
राशन कार्ड पर सरकार को घेरा
राशन कार्ड को लेकर ओम प्रकाश राजभर ने अपने ही सरकार को निशाने पर लिया. उत्तर प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल गुजरने के बावजूद सभी लोगों के राशन कार्ड नहीं बन पाए हैं. मुख्यमंत्री हेलिकॉप्टर से आते हैं और अधिकारियों को निर्देश देकर चले जाते हैं, लेकिन लोगों को राशन कार्ड बनवाने के लिए लोगों को 10-10 हजार रुपए देने पड़ते हैं. जो लोग इतनी रकम दे पाते हैं उनका राशन कार्ड बन जाता है. एक गरीब इतनी रकम कहां से लाएगा, इसलिए उसका राशन कार्ड नहीं बन पाता है.सरकार को घेरने के बाद उन्होंने गरीब भाइयों से कहा, 'अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. अगर अधिकारी अब राशन कार्ड बनवाकर घर नहीं भेजेंगे, तो मैं अपने मां-बाप का औलाद नहीं.' आगे उन्होंने कहा कि कुछ लोग सोचते हैं कि ओम प्रकाश राजभर कमजोर नेता है, लेकिन मैं दांव की तलाश में था. सही वक्त का इंतजार कर रहा था.