Pant Nagar Bulldozer action : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुकरैल नदी किनारे बसे हिन्दू आबादी वाले मोहल्ले पंत नगर को लेकर बड़ा फैसला किया है. सूत्रों का कहना है कि पंत नगर में 800 से ज्यादा मकानों के ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी गई है. सीएम योगी ने अधिकारियों को मौखिक निर्देश दिए हैं. फिलहाल फौरी तौर पर कार्रवाई रोकी गई है. अधिकारियों से सीएम ने बीच का रास्ता देखने की बात कही है. जानकारी के मुताबिक, पंत नगर के साथ रहीम नगर, खुर्रम नगर जैसे इलाकों में भी मकानों को गिराने की कार्रवाई फिलहाल रोक दी गई है. 


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सूत्रों का कहना है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर खुद कमान संभाली और शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि क्या मकानों को गिराने के अलावा कोई और विकल्प हो सकता है. सीएम योगी ने अफसरों को निर्देश दिया है कि वो कोई रास्ता निकालें. गौरतलब है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण और अन्य संबंधित एजेंसियों ने कुकरैल नदी किनारे अतिक्रमण को गिराने के लिए हाल ही में सर्वे किया था. चिन्हित मकानों में लाल निशान लगाए गए थे. इसके बाद से ही इन प्रभावित इलाकों के लोग लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. वो सरकार से गुहार लगा रहे थे कि उनकी जिंदगी भर की कमाई को बर्बाद होने से बचाया जाए.  


जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंतनगर, इन्द्रप्रस्थनगर एवं रहीमनगर के प्रभावित बाशिंदों की परेशानी को दूर किया है. मकानों को गिराए जाने की आशंका में जी रहे लोगों को भरोसा देते हुए सीएम ने कहा कि पंतनगर हो या इंद्रप्रस्थ नगर, सबको सुरक्षा और शांतिपूर्ण समाधान दिया जाएगा. एनजीटी के आदेशों को लेकर नदी के फ्लड प्लेन जोन में अतिक्रमण चिन्हित किया गया है. बाढ़ग्रस्त जोन में प्राइवेट जमीन भी शामिल है. निजी भूमि को खाली कराने की न तो मौजूदा में कोई जरूरत है और न ही कोई प्रस्ताव है.


स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि निजी भूमि में बने मकानों के ध्वस्तीकरण का कोई मुद्दा है ही नहीं. बैठक में यह माना गया कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में चिन्ह लगाए जाने को लेकर भवन मालिकों में भय और भ्रम फैला है.इसके लिए जवाबदेही तय की जाए. मुख्यमंत्री ने इन इलाकों में साफ-सफाई और बुनियादी सुविधाओं बढ़ाने का आदेश दिया. उन्होंने निर्देश दिया कि तत्काल क्षेत्र में जाकर लोगों से मिलाकर उनका भय और भ्रम दूर करें. पीड़ित परिवारों से मिलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रिवर बेड विकसित करने में अगर कोई निजी भूमि पर बना भवन निर्माण आता है तो उसमें मुआवजा देकर ही अधिग्रहण किया जाएगा. मुख्यमंत्री से मिलने के बाद परिवारों ने योगी हैं तो यकीन है के नारे भी लगाए.


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