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इटावा को मिलेगा मुंबई में समुद्र पर बने सिग्नेचर ब्रिज जैसा शानदार पुल, यूपी से एमपी तक फर्राटेदार सफर

Etawah signature bridge: UP के इटावा जिले को जोड़ने वाली चंबल पुल पूरी तरह से जर्जर हैं. चंबल पुल के बगल से एक नया पुल बनने जा रहा है. सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण से ग्वालियर, भिंड, इटावा और आसपास के अन्य जिलों के यात्रियों और व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी.

चंबल पर सिग्नेचर ब्रिज

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चंबल पर सिग्नेचर ब्रिज

मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली मध्य प्रदेश के चंबल नदी पर 54 साल पहले निर्मित जर्जर चंबल पुल से परेशान लोगों को लिए राहत की खबर हैं. 

 

मिलेगा नया ब्रिज

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मिलेगा नया ब्रिज

जल्दी ही मध्य प्रदेश के भिंड जिले और उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के यात्रियों को नया ब्रिज मिलने वाला है. इसे चंबल सेंचुरी व वन विभाग की मंजूरी मिल गई है. 

 

यूपी और एमपी को जोड़ेग ब्रिज

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 यूपी और एमपी को जोड़ेग ब्रिज

यूपी और एमपी को जोड़ने के लिए चंबल नदी पर अत्याधुनिक एक्स्ट्रा डोज सिग्नेचर ब्रिज बनाया जाएगा. यह पुल एएससी इंफ्राटेक कंपनी बनाएगी. पुराने पुल की जर्जर स्थिति के चलते नए ब्रिज का निर्माण 

 

आठ किलोमीटर फोर लेन मार्ग

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आठ किलोमीटर  फोर लेन मार्ग

आठ किलोमीटर का फोर लेन मार्ग भी बनेगा जो यूपी और एमपी के बीच बिजनेस और आने जाने को आसान बनाएगा.

 

आवागमन होगा सुगम

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आवागमन होगा सुगम

नए सिग्नेचर ब्रिज के बनने के बाद यूपी और एमपी के बीच यात्रा करना और व्यापार करना काफी आसान होगा, जिससे विशेष रूप से खनिज व्यापार को बढ़ावा मिलेगा. 

 

पहला हाईटेक एक्स्ट्रा डोज सिग्नेचर ब्रिज

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 पहला हाईटेक एक्स्ट्रा डोज सिग्नेचर ब्रिज

यह ब्रिज यूपी का पहला हाईटेक एक्स्ट्रा डोज सिग्नेचर ब्रिज होगा और इसे यमुना ब्रिज मार्ग से जोड़ते हुए फोर लेन में बदला जाएगा.

 

चंबल पुल की स्थिति खराब

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 चंबल पुल की स्थिति खराब

1970 के दशक में बने पुराने चंबल पुल की स्थिति बहुत खराब हो चुकी है. जर्जर चंबल पुल यात्रा और व्यापार के लिए सेफ नहीं है. नया ब्रिज बनाने की मांग की जा रही थी. सरकार से भी मंजूरी मिल गई है.

 

कहां से कहां तक

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 कहां से कहां तक

नेशनल हाइवे-92 पर चंबल नदी से यमुना नदी तक 8 किलोमीटर लंबा फोर लेन मार्ग भी बनाया जाएगा.

 

यातायात में सुधार और लाभ

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यातायात में सुधार और लाभ

इस ब्रिज के बनने से ग्वालियर, भिंड, इटावा और आसपास के अन्य जिलों के यात्रियों और व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी. 

 

परियोजना की लागत

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परियोजना की लागत

इस 800 मीटर लंबे और फोर लेन सिग्नेचर ब्रिज की लागत लगभग 296 करोड़ रुपये होगी. 

सुरक्षित और उपयोगी

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सुरक्षित और उपयोगी

यह एक्स्ट्रा डोज सिग्नेचर ब्रिज न केवल सुरक्षित और उपयोगी होगा, बल्कि इसकी खूबसूरती भी आकर्षक होगी.

 

करना पड़ता था अतिरिक्त 80 किमी का सफर

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 करना पड़ता था अतिरिक्त 80 किमी का सफर

यूपी जाने वाले यात्रियों समेत हैवी ट्रक और डंपरों को चकरनगर और उरई होते हुए लगभग 80 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय कर कानपुर होते हुए, इटावा जाना पड़ता था. 

 

डिस्क्लेमर

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डिस्क्लेमर

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.