रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली (raebareli ) के सलोन में बनाए गए करीब 20 हजार फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों की कड़ियां बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों से जुड़ रही हैं. जांच में यह बात सामने आ रही है कि यहां से घुसपैठियों को भारतीय नागरिकता दिलाने का षड्यंत्र चल रहा था. पुलिस और एटीएस की अब तक की जांच में कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं. सलोन के चार गांव में एक दिन में ही 500 से लेकर 1000 तक फर्जी प्रमाण पत्र बनाए गए.  फर्जी जन्म प्रमाणपत्र में सलोन के तार कर्नाटक, केरल और मुंबई से भी जुड़ चुके हैं.


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एक दिन में बनाए गए  500 से लेकर 1000 तक फर्जी प्रमाण पत्र
देश की सुरक्षा में सेंध लगाकर बांग्लादेशी और रोहनिया घुसपैठियों को नागरिकता दिलाने की कोशिश भी की गई.  एक ही आईडी और पासवर्ड से एक दिन में कई प्रमाण पत्र बनाए गए.  सलोन के पांच गांव में 19184 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी होने के बाद अब अन्य गांव में भी जांच की जा रही है. इस दौरान 24 अक्टूबर 2023 को नूरुद्दीन पुर गांव में करीब 1000 प्रमाण पत्र जारी करने के साक्ष्य मिले.  गढ़ी, इस्लामनगर, लहेरुपुर, सिरसीरा, गोपालपुर गांव में भी एक-एक दिन में क्षमता से ज्यादा प्रमाण पत्र बनाने की बात पता चली.


एक प्रमाणपत्र बनने में लगते हैं 15 मिनट
ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिवों को अपनी आईडी और पासवर्ड से आमतौर पर एक प्रमाणपत्र बनाने में कम से कम 15 मिनट लग जाते हैं.   एक जन्म प्रमाणपत्र बनाने में करीब 15 मिनट का समय लग जाता है.  कभी-कभी सर्वर डाउन होने की समस्या रहती है.  ऐसे में एक घंटे में मात्र चार से पांच प्रमाणपत्र बन पाते हैं.  सूत्रों के अनुसार एक आईडी और पासवर्ड से एक दिन में पांच सौ से एक हजार प्रमाणपत्र एक कंप्यूटर से बनाना असंभव है. अगर ऐसा होता है तो इसके लिए बड़ी संख्या में कंप्यूटर चाहिए. सभी में उसी आईडी-पासवर्ड का प्रयोग किया जाए. एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में सर्टिफिकेट बनाना बड़ी साजिश को अंजाम देना हो सकता है. सलोन में फर्जीवाड़े के अब तक सामने आए सबूतों और जांच में घुसपैठियों की साठगांठ होने से इन्कार नहीं किया जा सकता.


सर्वाधिक अल्पसंख्यकों के प्रमाणपत्र
पुलिस और प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार सलोन से सबसे ज्यादा अल्पसंख्यकों के ही फर्जी प्रमाणपत्र बनाए गए हैं. इनमें 2023 में मुंबई में पकड़े गए चार बांग्लादेशियों के नाम भी शामिल हैं.  इससे पहले जम्मू में भी पकड़े गए कुछ रोहिंग्या के पास यहां बने Birth certificate मिले थे.


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