Swachh Survekshan Survey 2023: साफ सुथरे शहरों की लिस्‍ट में इस बार यूपी के कई शहरों ने जगह बनाई है. दिल्‍ली से सटे गाजियाबाद और नोएडा सबसे साफ सुथरे शहर में जगह बनाई हैं. गुरुवार को आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण 2023 के आंकड़े जारी किए.  


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नोएडा को पहला पुरस्‍कार 
स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण मामलों में पहली बार नोएडा 3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में दूसरे स्‍थान पर रहा है. वहीं, पिछली बार इसी श्रेणी में नोएडा पांचवे स्‍थान पर था. वाटर प्‍लस श्रेणी में पहली बार नोएडा ने यह सफलता हासिल की है. इसके अलावा इस बार भी गारबेज फ्री सिटी में फाइव स्टार रैकिंग पाई है. अगर ओवर ऑल रैंकिंग की बात करें तो नोएडा 11वें स्‍थान से 14वें स्‍थान पर पहुंच गया. 


13 शहरों में 2 यूपी के 
स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण में गाजियाबाद नगर निगम को प्रदेश में पहला स्‍थान मिला है. पिछले साल भी नगर निगम गाजियाबाद पहले स्‍थान पर रहा था. राष्ट्रीय पुरस्‍कार पाने वाले 13 शहरों में से 2 यूपी के ही है. नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा, फ‍िरोजाबाद, लखनऊ समेत कुछ अन्‍य शहरों को राज्‍य पुरस्‍कार मिला है. 


इंदौर सातवीं बार सबसे स्‍वच्‍छ शहर 
केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर और सूरत को देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में चुना गया, जबकि नवी मुंबई तीसरे स्थान पर रहा. स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 में ‘शानदार प्रदर्शन करने वाले राज्यों’ की श्रेणी में महाराष्ट्र ने पहला स्थान हासिल किया. इसके बाद मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ रहे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में पुरस्कार प्रदान किए. इंदौर को लगातार सातवीं बार सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला. 



गंगा नदी के शहरों में वाराणसी सबसे स्‍वच्‍छ शहर 
सर्वेक्षण के नतीजों के अनुसार, एक लाख से कम आबादी वाले सभी शहरों में महाराष्ट्र के सासवड को सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला. इस श्रेणी में छत्तीसगढ़ के पाटन को दूसरा और महाराष्ट्र के लोनावला को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ. गंगा नदी के शहरों में वाराणसी को सबसे अच्छा एवं स्वच्छ शहर चुना गया. इसके बाद प्रयागराज को स्थान मिला. मध्य प्रदेश का महू छावनी बोर्ड सबसे स्वच्छ छावनी बोर्डों की श्रेणी में शीर्ष पर रहा. 


देश के इतने शहरों ने लिया भाग 
आंकड़ों के अनुसार, स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में 4,447 शहरी स्थानीय निकायों ने भाग भाग लिया और इसमें 12 करोड़ नागरिकों की प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं. सरकार का दावा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण है.