UP AQI Today: छठ पूजा पर गोरखपुर-बनारस की आबोहवा साफ, नोएडा-गाजियाबाद में धुंध से कैसे होगा सूर्य अर्घ्य
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UP AQI Today: छठ पूजा पर गोरखपुर-बनारस की आबोहवा साफ, नोएडा-गाजियाबाद में धुंध से कैसे होगा सूर्य अर्घ्य

UP Air Pollution: सर्दियों ने ठीक से दस्तक भी नहीं दी पर प्रदूषण ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है.  खासकर दिल्ली-NCR में प्रदूषण काफी खतरनाक स्तर पर है. यूपी के कई शहर प्रदूषण की चपेट में है. गोरखपुर और काशी की हवा नोएडा-गाजियाबाद की हवा बेहतर है.

UP Air Pollution

UP Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में सर्दी की हल्की दस्तक के बीच ज्यादातर जिलों में इन दिनों हवा जहरीली हो गई है. पश्चिमी यूपी ही नहीं पूर्वांचल के कई जिले वायु प्रदूषण की चपेट में हैं. नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद के बाद लखनऊ, प्रयागराज, मुजफ्फरनगर में प्रदूषण का स्‍तर खराब स्तर में है. बात करें गाजियाबाद और नोएडा की तो यहां की स्थिति बेहद खराब है. इन जगहों पर प्रदूषण पर्यावरण के साथ-साथ हमारी हेल्थ के लिए भी खतरनाक है.

दिल्ली की हवा में घुला जहर
दिल्ली में प्रदूषण के स्तर और हवा में घुला जहर लोगों को डरा रहा हैं, बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. आखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. छठ पर्व के दौरान जहरीली हुई दिल्ली की हवा लोगों के लिए समस्या पैदा कर रही है. दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई 400 के पार जा पहुंचा है. दिल्ली का Overall Aqi 366 जो बेहद खराब श्रेणी में आता है. सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर 2024 में भारत के 10 सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली-एनसीआर के थे. दिल्ली सबसे प्रदूषित शहर रहा. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि GRAP लागू होने के बावजूद राजधानी में पॉल्यूशन कम नहीं हुआ है.

यूपी में भी प्रदूषण बढ़ा
CREA ने 263 शहरों के प्रदूषण के आंकड़ों का अध्ययन किया. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू होने के बाद भी, दिल्ली-एनसीआर के शहरों में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा रहा है.

यूपी के 6 शहर
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस साल पहली बार उत्तर प्रदेश के छह शहर टॉप 10 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में शामिल हुए.  इसके बाद हरियाणा के तीन शहरों का नंबर आता है.

कौन सा है सबसे प्रदूषित शहर?
शहर                                 AQI स्‍तर
गाजियाबाद                            208
नोएडा                                   215
लखनऊ                                 167
मेरठ                                     184
आगरा                                   160
मुजफ्फरनगर                         176
सहारनपुर                              124
बुलंदशहर                              188
हापुड़                                    177
अलीगढ़                                 166
इटावा                                   165
बांदा                                     160
गोरखपुर                               160
वृंदावन                                 169
मुरादाबाद                             144
रामपुर                                  149
बहराइच                               157
शाहजहांपुर                           129
बदायूं                                   129
बरेली                                   129
प्रयागराज                             117
वाराणसी                               84

गर्भवती मह‍िलाएं दें ध्‍यान
हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने का असर बड़े बुजुर्गों और बच्चों पर खासतौर से देखने को मिल रहा है, जिसकी वजह से लोगों में सांस की बीमारी बढ़ रही है.जानकारों का कहना है कि लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ समेत यूपी की कई जगहों पर हवा जहरीली हो गई है. यहां एक्‍यूआई खराब श्रेणी में है. इसका नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इससे संक्रमण और सांस की समस्याएं हो सकती हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब प्रदूषण का स्तर 100 के ऊपर हो जाए तो गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर ही रहना चाहिए और बाहर जाने से बचना चाहिए. अगर बाहर जाना आवश्यक हो तो उन्हें एन95 मास्क पहनें. घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल भी करें. डॉक्टरों के मुताबिक ऐसी हवा में लोगों को सावधान रहने की ज़रूरत है.सुबह के समय की सैर और रनिंग नहीं करने की सलाह दी गई है.

कितना एक्‍यूआई स्‍तर ठीक?
जानकारी के मुताबिक, अगर किसी शहर का वायु प्रदूषण गुणवत्‍ता (AQI) 0 से 50 के बीच है तो उस शहर की हवा ठीक है. वहीं, अगर एक्‍यूआई का स्‍तर 51 से 100 के बीच है तो मध्‍यम है. इसके अलावा अगर एक्‍यूआई का स्‍तर 101 से 200 पहुंच जाए तो यह खराब है. एक्‍यूआई स्‍तर 201 से 300 पहुंचने पर यह स्‍वास्‍थ्‍य के लिए खतरनाक हो सकता है. 301 से 400 पहुंचने पर गंभीर हो सकता है. वहीं, 401 से 500 पहुंचने पर खतरनाक हो सकता है.

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